जल्द आएगा क्रिप्टोकरेंसी विधेयक | निकुंज ओहरी / नई दिल्ली February 09, 2021 | | | | |
सरकार एक नए कानून में निजी क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगाने संबंधी हिस्से को दुरुस्त कर रही है। मंजूरी के लिए इस कानून को मंत्रिमंडल के पास शीघ्र ही भेजा जाएगा।
क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2021 या क्रिप्टो विधेयक में स्पष्ट रूप से बताया जाएगा कि सरकार किस क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने जा रही है। इस संबंध में स्पष्ट परिभाषा दी जाएगी ताकि कोई संदेहास्पद हिस्सा न छूटे जो तकनीक के विकास से सामने आ जाए। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
अधिकारी ने कहा, 'स्पष्ट परिभाषा में निजी क्रिप्टोकरेंसी को शामिल किया जाएगा। अन्यथा कानून में झोल रह जाएगा, जिससे उभरती तकनीक के विभिन्न विश्लेषण सामने आ जाएंगे।' प्रतिबंध लागू करने के लिए अतिरिक्त ब्योरा जोड़ा जाएगा क्योंकि इससे पता चलेगा कि किस क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाएगा और कैसे किया जाएगा।
आर्थिक मामलों का मंत्रालय (डीईए) अभी भी परामर्श कर रहा है और इन परामर्शों को विधेयक में जगह दी जाएगी।
इस बीच बिटकॉइन की कीमतों में उछाल देखा गया है। इसका तात्कालिक कारण टेस्ला इंक की ओर से 1.5 अरब डॉलर की आभासी मुद्रा खरीदे जाने की घोषणा है। उसने क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार करते हुए कहा है कि ग्राहक शीघ्र ही अपने इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे उछाल बरकरार रहने की उम्मीद है। कंपनी की इस घोषणा को एक ऐसे कदम के तौर पर देखा जा रहा है जिससे सर्वाधिक प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी का वास्तविक दुनिया में लेनदेनों के लिए उपयोग में विस्तार होगा।
उक्त अधिकारी ने कहा कि आर्थिक कार्य विभाग इस कानून को शीघ्र लाए जाने की जरूरत को समझता है और इस पर काम कर रहा है।
मंगलवार को वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद में कहा कि दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी या आभासी मुद्राओं की विभिन्न परिभाषाएं हैं। सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने पहल की और निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया।
पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग की अगुआई में अंतर मंत्रालय समिति (आईएमसी) ने पहले क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए मसौदा विधेयक का सुझाव दिया था। इसमें किसी भी नाम से आने वाले क्रिप्टोकरेंसी को आभासी मुद्रा कहा गया था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में कहा, 'सरकार आईएमसी की सिफारिशों पर निर्णय लेगी और उस प्रक्रिया में यदि कोई कानूनी प्रस्ताव होगा तो उसे संसद में पेश किया जाएगा।'
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