भारत में बिटकॉइन की जबरदस्त मांग | राजेश भयानी / मुंबई February 09, 2021 | | | | |
टेस्ला के एलन मस्क के बिटकॉइन में निवेश के करीब 15 घंटे बाद घरेलू बाजार में बिटकॉइन के दाम और खरीद-बिक्री (वॉल्यूम) में खासी तेजी आई है। भारतीय एक्सचेंजों ने इसकी जानकारी दी।
टेस्ला द्वारा 1.5 अरब डॉलर के बिटकॉइन खरीदने और अपनी कारों के लिए इसमें भुगतान लेने की योजना की घोषणा के बाद बिटकॉइन के दाम में अप्रत्याशित तेजी आई है। बिटकॉइन दो दिन में ही रिकॉर्ड 48,000 डॉलर के पार पहुंच गया। भारत में इसका दाम पिछले कुछ दिनों में 28 लाख रुपये से बढ़कर 35 लाख रुपये हो गया है। 27 जनवरी को एक बिटकॉइन की कीमत करीब 22 लाख रुपये थी।
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद में कहा कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर विधेेयक लाने का विचार कर रही है, जिसे जल्द ही मंत्रिमंडल में भेजा जाएगा।
हालांकि सरकार द्वारा निजी क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने के लिए विधेयक लाने की मंशा जाहिर करने से भारतीय क्रिप्टो उद्योग में काफी हलचल देखी जा रही है। शुरुआत में खुदरा निवेशकों ने इस खबर के बाद बिटकॉइन की बिकवाली शुरू कर दी थी। इसकी वजह से घरेलू बाजार में बिटकॉइन के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार की तुलना में 6 से 7 फीसदी कम हो गए। लेकिन चतुर निवेशकों ने खरीदारी कर इसके दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार से थोड़ा ज्यादा ही बढ़ा दिया। भारत में अभी बिटकॉइन का कारोबार अंतरराष्ट्रीय बाजार की तुलना में 1 से 2 फीसदी महंगे दाम पर हो रहा है।
नैशनल डिजिटल ऐसेट एक्सचेंज (एनडीएएक्स) के संस्थापक गौरव मेहता ने कहा, 'सरकार के प्रस्तावित विधेयक को लेकर अनिश्चितता के बीच कुशल निवेशकों और मार्केट मेकर ने खुदरा निवेशकों की बिकवाली के बीच अच्छी कमाई की। खुदरा निवेशक जहां बिकवाली कर रहे थे, वहीं भारतीय एक्सचेंजों पर इसकी खरीद-बिक्री की मात्रा अचानक बढ़ गई। वॉल्यूम बढऩे के बावजूद भारतीय बाजार में क्रिप्टोकरेंसी की आपूर्ति लगातार बनी हुई है लेकिन इसे उपलब्ध कौन करा रहा है, उस पर किसी का ध्यान नहीं है।'
उद्योग के अधिकारियों ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि आपूर्ति विदेशी निवेशकों से आ रही है। उन्होंने कहा कि लगभग सभी दलों के नेताओं का बिटकॉइन में निवेश है और वे चाहते हैं कि क्रिप्टो पर पाबंदी न लगे बल्कि इसे विनियमित किया जाए।
भारत के प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स पर दैनिक कारोबार 2,000 से 2,500 हो गया जबकि 15 दिन पहले 1,000 से 1,250 बिटकॉइन तक का कारोबार होता था। बिटबिन्स के मुख्य कार्याधिकारी गौरव दहाके ने ट्वीट किया, 'टेस्ला के मॉडल-3 की कीमत अब एक बिटकॉइन से भी कम हो गई है।'
बिटकॉइन में आई तेजी का असर भारत के अग्रणी एक्सचेंजों पर भी देखा जा रहा है। उन्हें जबरदस्त प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं और इस वजह से उन्हें निवेशकों के सवालों के जवाब देने में मशक्कत करनी पड़ रही है। एक दूसरे एक्चेंज कॉइनडीसीएक्स पर भी कारोबार खासा बढ़ा है और पिछले 24 घंटों के दौरान नए निवेशकों की तादाद में खासा इजाफा हुआ है। निवेशकों की भीड़ बढऩे से इसका कार्य तंत्र पूरी क्षमता से काम भी नहीं कर पा रहा है। एक दूसरे नामी एक्सचेंज ने सोशल मीडिया के माध्यम से निवेशकों को भेजे संदेश में निवेशकों से कहा कि पूछताछ अधिक बढऩे से उनके कार्य तंत्र की रफ्तार धीमी पड़ गई है।
ब्लॉकचेन और आभासी मुद्राओं पर शोध करने वाली कंपनी क्रेबेको ग्लोबल के एमडी सिद्धार्थ सोगानी ने कहा, 'एलन मस्क उन शुरुआती लोगों में शामिल हो गए हैं जो आभासी मुद्राओं में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। मुझे लगता है कि माइक्रोसॉफ्ट, ऐपल और दूसरी दिग्गज कंपनियां भी जल्द एक सुरक्षित मुद्रा के रूप में क्रिप्टो में रकम रखने लगेंगी। अगर भारत में आभासी मुद्राओं पर ठीक से नियमन किया जाए तो भारतीय निवेशकों को भी इससे खासा लाभ मिल सकता है नहीं तो वे इस अवसर का लाभ उठान से चूक जाएंगे।' सोगानी के अनुसार 2021 के अंत तक बिटकॉइन 100,000 डॉलर के स्तर पर पहुंच सकता है।
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