बजट को बड़ी निजी भागीदारी का भरोसा | इंदिवजल धस्माना / नई दिल्ली February 05, 2021 | | | | |
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि हालांकि वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में सरकारी पूंजीगत व्यय बढ़ाया गया है, लेकिन इसमें यह भी माना गया है कि निजी क्षेत्र की बड़ी भागीदारी रहेगी। उन्होंने बजट पर भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ वर्चुअल संवाद में शीर्ष सीईओ को संबोधित करते हुए कहा कि बुनियादी ढांचा जैसे उच्च गुणक वाले क्षेत्रों पर जोर दिया गया है, जिससे बिजली, सड़क, बंदरगाह, हवाई अड्डे जैसे क्षेत्रों में निजी क्षेत्र को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र भी प्राथमिकता में शामिल रहे हैं।
सीतारमण ने कहा कि सरकार प्रस्ताविक विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) को कुछ पूंजी मुहैया कराएगी। डीएफआई भी बाजार से पूंजी जुटाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा डीएफआई विधेयक में निजी डीएफआई के लिए भी विधायी जगह होगी। इसी तरह फंसे ऋणों (एनपीए) के प्रबंधन के लिए खुद बैंक ही सरकार की मदद से एक होल्डिंग कंपनी के रूप में परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी (एआरसी) खड़ी करेंगे।
बजट में चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों में सरकार के पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर 4.39 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह आंकड़ा बजट अनुमान में 4.12 लाख करोड़ रुपये था। बजट में अगले वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय बढ़कर 5.5 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। यह पिछले साल के संशोधित अनुमान से 25.3 फीसदी अधिक है।
इसका और सरकार द्वारा गरीब लोगों तथा कोविड की वजह से लगाए गए लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को बाहर निकालने के लिए घोषित विभिन्न पैकेज का मतलब है कि सरकार ने बाजार उधारी वित्त वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान 7.8 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर संशोधि अनुमान में 12.80 लाख करोड़ रुपये कर दी। बजट में आगामी वित्त वर्ष में भी उधारी 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहने का अनुमान है।
इससे इस बात की चिताएं पैदा हुई हैं कि निजी क्षेत्र के लिए पूंजी जुटाने के मौके नहीं होंगे। हालांकि सरकारी अधिकारी इस बात से सहमत नहीं हैं। सीतारमण ने बजट के मार्गदर्शक सिद्धांत साझा करते हुए पारदर्शिता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, 'कोविड-19 कर के अनुमानों के विपरीत सरकार ने कर बढ़ाकर नहीं बल्कि ज्यादा उधारी के जरिये बजट प्रोत्साहन देने का फैसला किया है।'
सीतारमण ने लगातार संवाद का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सीआईआई के साथ उनकी बातचीत से 'नीति निर्माण में समकालीन सोच' को शामिल करने में मदद मिली है। वित्त मंत्री बजट प्रस्तावों का ईमानदारी से लीकेज मुक्त क्रियान्वयन का वादा किया। सीआईआई के अध्यक्ष उदय कोटक ने कहा कि बजट एक शानदार नीतिगत दस्तावेज का उदाहरण था, जो अर्थव्यवस्था की जरूरतें पूरी करता है। कोटक ने बजट घोषणाओं की साहसिकता और वृद्धि एवं पारदर्शिता पर जोर दिए जाने की प्रशंसा की। उन्होंने बजट बनाने वाली टीम को निजी उद्यमिता को बढ़ावा देने और बाजारों के सम्मान की सोच के लिए बधाई दी।
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