21 साल में 5,000 से 50,000 का सफर | बीएस संवाददाता / February 03, 2021 | | | | |
बेंचमार्क सेंसेक्स बुधवार को पहली बार 50,000 के पार बंद हुआ। पिछले दो मौकों पर इंडेक्स ने कारोबारी सत्र में इस स्तर को पार किया था, लेकिन बढ़त को कायम रखने में नाकाम रहा। सेंसेक्स फ्री-फ्लोट मार्केट कैप वेटेड इंडेक्स है, जो भारत की 30 सबसे बड़ी कंपनियों के प्रदर्शन को ट्रैक करता है। इसे बंबई स्टॉक एक्सचेंज (अब बीएसई) ने जनवरी 1986 में पेश किया था। इंडेक्स के लिए आधार वैल्यू 100 रखा गया था और आधार वर्ष 1979। यह इंडेक्स पहली बार 1999 में 5,000 के पार निकला था। इंडेक्स ने पिछले दो दशक में 11.5 फीसदी सालाना का रिटर्न दिया है। तब बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण महज 7 लाख करोड़ रुपये था और आज तीन कंपनियां ऐसी हैं (रिलायंस, टीसीएस और एचडीएफसी बैंक), जिसका वैयक्तिक बाजार पूंजीकरण 7 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। अक्टूबर 1999 के मुकाबले इंडेक्स 10 गुना बढ़ा है, लेकिन बाजार पूंजीकरण में 28 गुने की उछाल आई है। इस इंडेक्स का पिछले 12 महीने का पीई गुणक तब 21 गुना था और आज यह सबसे ऊंचे स्तर 34.2 गुने पर है। भारत का बाजार पूंजीकरण 1999 में ज्यादा वितरित था और सेंसेक्स की कंपनियां कुल मार्केट कैप में महज 39 फीसदी का योगदान करती थी। आज यह भारत के कुल बाजार पूंजीकरण का आधा है। साथ ही क्षेत्रीय वितरण आज के मुकाबले ज्यादा बेहतर था, जहां वित्तीय शेयरों का दबदबा है।
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