बजट से निराश महाराष्ट्र के सांसद, वित्त मंत्री से करेंगे मुलाकात | सुशील मिश्र / मुंबई February 02, 2021 | | | | |
महाराष्ट्र के सत्ताधारी तीनों दलों ने केंद्रीय बजट को भेदभावपूर्ण बताते हुए इसे चुनावी बजट बताया है। इस मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र के सांसद जल्द ही वित्त मंत्री से मुलाकात करेंगे।
बजट पेश होने के दूसरे दिन शिवसेना ने दावा किया कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में उन कुछ राज्यों के लिए बड़े पैकेज की घोषणा की है, जहां आगामी कुछ महीनों में चुनाव होने हैं। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय के माध्यम से कहा है कि उन राज्यों को अधिक धन आवंटित करना घूस देने के समान है, जहां आगामी कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। शिवसेना ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के कोष में सर्वाधिक राजस्व का योगदान देने वाले राज्य महाराष्ट्र की केंद्र ने उपेक्षा की। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि केंद्र सरकार ने बजट के जरिये वोटों की गंदी राजनीति का खेल खेलने का नया चलन शुरू किया है। पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु और केरल में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए वित्त मंत्री ने उन राज्यों को बड़े पैकेज और परियोजनाओं का आवंटन किया। निराशा जताते हुए कहा गया है कि नासिक और नागपुर मेट्रो परियोजनाओं के लिए प्रावधानों को छोड़कर बजट में मुंबई और महाराष्ट्र के हाथ कुछ नहीं आया। केंद्र ने नासिक मेट्रो के लिए बजट में 2,092 करोड़ रुपये और नागपुर मेट्रो फेज-2 के लिए 5,976 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
एनसीपी नेता और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तथा वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा कि देश की तिजोरी में सबसे अधिक राजस्व देने वाले महाराष्ट्र के साथ बजट में इस बार अन्याय हुआ है। महाराष्ट्र पर हुए अन्याय को दूर करने के लिए प्रदेश के सर्वदलीय सांसद केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण से मुलाकात कर आवश्यक संशोधन का सुझाव देकर इसे ठीक करने का अनुरोध करेंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वर्धा-यवतमाल-नांदेड़ रेलवे मार्ग, नाशिक-पुणे, कराड-चिपलुण रेलवे मार्ग के लिए बजट में प्रावधान कहीं नजर नहीं आ रहा है। बजट में मुंबई, पुणे समेत महाराष्ट्र के लिए कुछ भी पर्याप्त प्रावधान नहीं है। मुंबई-कन्याकुमारी कॉरिडोर के लिए 64 हजार रुपये का प्रावधान स्वागत योग्य है।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष तथा राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने बजट को चुनावी घोषणा पत्र करार देते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकारी संपत्ति को बेचने का संकल्प पत्र है। बजट से किसान, मजदूर, युवक, नौकरी पेशा और मध्यमवर्ग के लोगों को भी घोर निराशा हुई है। महाराष्ट्र और मुंबई को बजट से कुछ नहीं मिला है। देश के विकास में सबसे अधिक योगदान और कर देने वाले महाराष्ट्र से बदले की भावना फिर एक बार नजर आई है।
शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा कि बजट से महाराष्ट्र के हिस्से सबसे अधिक निराशा हाथ लगी है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र देश का पेट भरता है, लेकिन उसी के पेट की ओर कोई नहीं देखता। राऊत ने कहा कि मैंने बजट में महाराष्ट्र को खोजने का प्रयास किया, लेकिन मुझे महाराष्ट्र कहीं नजर नहीं आया। बजट में नागपुर और नाशिक मेट्रो के लिए निधि का प्रावधान किया गया है। मेट्रो के लिए निधि देकर सरकार ने बहुत बड़ी मेहरबानी की है क्या? नागपुर में मेट्रो की शुरुआत हो रही है, लेकिन नाशिक में मेट्रो की क्या जरूरत है, यह देखना पड़ेगा।
शिवसेना के आरोप पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिवसेना बजट के बारे में प्रतिक्रिया पहले से लिखकर रखती है। बजट कैसा भी पेश हो, प्रतिक्रिया वही रहती है। फडणवीस ने कहा कि शिवसेना को शायद यह पता नहीं होगा कि किसी राज्य से केंद्र को मिलने वाले कर में से उस राज्य को कितना पैसा मिलेगा। इसका नियम अब केंद्र सरकार नहीं बनाती है, बल्कि एक वित्त आयोग बनाता है। पहले यूपीए के शासनकाल में वित्त आयोग 31 फीसदी पैसा राज्य को देता था, लेकिन एनडीए सरकार में 41 फीसदी पैसा मिला है। लेकिन शिवसेना इतनी पढ़ाई नहीं करती है। पार्टी को केवल जुमलेबाजी करनी है।
|