स्क्रैप नीति से वाणिज्यिक वाहनों को मजबूती | बीएस संवाददाता / February 02, 2021 | | | | |
नए वाहनों की खरीद के लिए वाहनों का परिचालन करने वालों व फ्रेट ऑपरेटरों को प्रोत्साहित करना और पुराने वाहनों के परिचालन को हतोत्साहित करना वाहन स्क्रैप नीति का अहम हिस्सा बनने जा रहा है। आज बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा, स्वैच्छिक तौर पर वाहनों को स्क्रैप करने की नीति पेश की जाएगी, जिसका लक्ष्य 20 साल के व्यक्तिगत इस्तेमाल के बाद फिटनेस टेस्ट के लिए लाए गए प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की संख्या में कमी लाना है। इस मामले में वाणिज्यिक वाहनों के इस्तेमाल की अवधि 15 वर्ष रखी गई है।
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के प्रबंध निदेशक व सीईओ पवन गोयनका ने कहा, वाहन स्क्रैप नीति तब तक आगे नहीं बढ़ेगी जब तक कि स्क्रैप पर विचार करने वालों को पर्याप्त प्रोत्साहन नहीं दिया जाएगा। हमने कई बार सरकार के सामने इस पर अपना पक्ष रखा है और उन्होंंने इसका संज्ञान भी लिया है। उन्होंने कहा, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि नीति हर तरह की खामियों को दूर करे और इसका दुरुपयोग न हो। गोयनका ने कहा, हमने लंबा इंतजार किया है और सही नीति के लिए हम एक या दो महीने और इंतजार कर सकते हैं। भारी ट्रकों की मांग में सुधार के लिए आर्थिक सुधार के अतिरिक्त पुराने व प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों को स्क्रैप के लिए प्रोत्साहन कुल मिलाकर होने वाले सुधार में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से हैवी ड्यूटी ट्रकों की मांग में गिरावट देखने को मिली है।
सूत्रों ने कहा कि पुराने वाहनों के स्क्रैप के बाद वे पंजीकरण शुल्क में राहत और रोड टैक्स पर छूट के हकदार हो सकते हैं। प्रोत्साहन का प्रस्ताव सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने वाहन स्क्रैप नीति के मसौदे में रखा है।
हालांकि वाहन उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि इस कदम से वाणिज्यिक वाहनों मसलन बसों व ट्रकों की बिक्री पर बड़ा असर होगा, लेकिन इससे व्यक्तिगत इस्तेमाल वाले वाहनों में शायद ही तेजी देखने को मिलेगी।
कार निर्माता कंपनी के एक अधिकारी ने कहा, काफी कम मालिक 15 साल से ज्यादा पुरानी कार या दोपहिया का इस्तेमाल करते हैं। लाइसेंस के नवीनीकरण का अनुपात भी काफी कम है।
ऐसे में पूरा फायदा वाणिज्यिक वाहन निर्माताओं को मिलने वाला है, जिसमें वाहन कलपुर्जा कंपनी, टायर निर्माता आदि शामिल हैं।
पुराने वाहनों को हतोत्साहित करने के लिए सड़क व परिवहन मंत्रालय ने हाल में पुराने व प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने की घोषणा की है। इस प्रस्ताव को अधिसूचित करने से पहले राज्यों से राय ली जाएगी।
प्रस्ताव के मुताबिक, फिटनेस सर्टिफिकेट के नवीनीकरण के समय आठ साल पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाया जाएगा और इसकी दर रोड टैक्स का 10 से 25 फीसदी होगी। व्यक्तिगत वाहनों पर भी 15 साल के पंजीकरण के बाद नवीनीकरण से समय इतना ही कर लगाया जाएगा। सरकार का अनुमान है कि 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों की हिस्सेदारी कुल बेड़े में करीब पांच फीसदी है, लेकिन वाहन प्रदूषण में इसकी हिस्सेदारी 70 फीसदी है। डेलॉयट इंडिया के पार्टनर व ऑटोमोटिव लीडर राजीव सिंह ने कहा, स्वैच्छिक तौर पर स्क्रैप नीति अनिवार्य बन सकती है क्योंंकि फिटनेस सर्टिफिकेट इस नीति के तहत अनिवार्य बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा, अनिवार्यता के साथ यह कदम उठाना नरम माना जाएगा। पर्याप्त बुनियादी ढांचे के अभाव में सिर्फ फिटनेस सर्टिफिकेट शायद पर्याप्त नहीं होगा। सरकार को जरूरी बुनियादी ढांचा बनाना चाहिए ताकि धरातल पर इसे उतारा जा सके।
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