राजमार्ग व बिजली पर जोर | बीएस संवाददाता / February 02, 2021 | | | | |
आर्थिक गिरावट के बीच नौकरी सृजन के लिए बुनियादी ढांचा से उम्मीद लगाते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए 1.18 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की।
वित्त मंत्री ने कहा कि इस विभाग के लिए यह अब तक का सबसे अधिक आवंटन है। 2014 से सड़क और राजमार्ग क्षेत्र के लिए आवंटन में 2.5 गुने की वृद्घि देखी गई है। 2014 में बनी राजग की नई सरकार ने 33,305 करोड़ रुपये के परिव्यय की घोषणा की थी।
तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और असम को अगले तीन वर्ष में 2.27 लाख करोड़ रुपये का राजमार्ग प्राप्त होगा। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा, 'अगले तीन वर्ष में तमिलनाडु में 1.03 लाख करोड़ रुपये की लागत से 3,500 किलोमीटर लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जाएगा, केरल में 65,000 करोड़ रुपये की लागत से 1,100 किलोमीटर की परियोजना पूरी की जाएगी, पश्चिम बंगाल में 25,000 करोड़ रुपये की लागत से 675 किलोमीटर और 34,000 करोड़ रुपये की लागत की परियोजनाएं असम में पूरी की जाएगी।'
वित्त वर्ष 2021 में मंत्रालय को 91,823 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था जिसे बाद में संशोधित कर 1.02 लाख करोड़ रुपये किया गया
कुल बजट आवंटन पिछले वित्त वर्ष के 83,015 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 91,823.2 करोड़ रुपये हो गया। 8,808 करोड़ रुपये की इस बढ़ोतरी में से 5,809 करोड़ रुपये एनएचएआई में निवेश के जरिये है जिसे राष्ट्रीय राजमार्गों के मुद्रीकरण से पूरा किया गया है। शेष आवंटन सड़क कार्यों के लिए है।
राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल में कहा था कि उनके मंत्रालय का लक्ष्य मार्च तक प्रतिदिन सड़क निर्माण 40 किलोमीटर पर ले जाने का है। उन्होंने कहा था कि एनएचएआई का लक्ष्य अगले पांच वर्ष में 2,500 किलोमीटर के एक्सप्रेसवे सहित 60,000 किलोमीटर के राजमार्ग का निर्माण करना है।
इनमें 9,000 किलोमीटर का आर्थिक गलियारा, 2,000 किलोमीटर का रणनीतिक सीमा सड़क और 2,000 किलोमीटर का तटीय सड़क शामिल है। इनके अलावा, राजमार्गों के जरिये 100 पर्यटन गंतव्य और 45 शहरों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा पिछले वर्ष एनएचएआई की कुल मिश्रित परियोजना में ईपीसी (इंजीनियरिंग-खरीद-निर्माण) परियोजनाओं या सरकार से पोषित परियोजनाओं की हिस्सेदारी 60 फीसदी रही थी।
एनएचएआई ने वित्त वर्ष 2019-20 में 3,979 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण पूरा किया था। सरकार ने भारतमाला परियोजना नाम से एक महत्त्वाकांक्षी राजमार्ग विकास कार्यक्रम तैयार किया है जिसमें करीब 65,000 किलोमीटर का राष्ट्रीय राजमार्ग का विकास किया जाना है।
कार्यक्रम के पहले चरण में सरकार ने 34,800 किलोमीटर की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के क्रियान्वयन को मंजूरी दी है जिसे 5.35 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय से 5 वर्ष में पूरा किया जाना है। 3.3 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली 13,000 किलोमीटर लंबी सड़कों का आवंटन पहले ही किया जा चुका है जिसमें से 3,800 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो भी चुका है।
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