निफ्टी-50 ईपीएस महज 2.8 प्रतिशत ऊपर | कृष्ण कांत / मुंबई January 31, 2021 | | | | |
वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही के लिए कॉरपोरेट नतीजे अब तक अनुमान से बेहतर रहे हैं और कई बड़ी कंपनियों ने आय में दो अंक की शानदार वृद्घि दर्ज की है। आय में सुधार हालांकि प्रमुख सूचकांकों की प्रति शेयर आय (ईपीएस) में मददगार है।
निफ्टी-50 की पिछले 12 महीनों की ईपीएस तिमाही के दौरान अब तक तिमाही आधार पर महज 2.8 प्रतिशत ऊपर रही है। वहीं सालाना आधार पर यह आय अभी भी 14.5 प्रतिशत नीचे है। सूचकांक गुरुवार को 373.9 रुपये की ईपीएस के साथ बंद हुआ, जबकि सितंबर 2020 की तिमाही के अंत में यह आंकड़ा 363.7 था। निफ्टी ईपीएस एक साल पहले 437 रुपये पर थी। 50 सूचकांक कंपनियों में से 17 ने सभी निफ्टी-50 कंपनियों के संयुक्त बाजार पूंजीकरण में करीब 62 प्रतिशत का योगदान दिया है।
इसके परिणामस्वरूप, निफ्टी अपने ऐतिहासिक मूल्यांकन के मुकाबले महंगा बना हुआहै। यह सूचकांक गुरुवार को 37 गुना के कीमत-आय मल्टीपल पर बंद हुआ था, जो उसके 40 गुना के मूल्यांकन से नीचे है, लेकिन यह अपने ऐतिहासिक औसत की तुलना में अभी भी करीब 70 प्रतिशत ऊपर बना हुआ है।
अब तक अपने वित्तीय परिणाम घोषित कर चुकीं 309 कंपनियों का संयुक्त शुद्घ लाभ सालाना आधार पर दोगुना बढ़कर 81,703 करोड़ रुपये हो गया जो सितंबर 2019 की तिमाही में 40,896 करोड़ रुपये था। तिमाही आय 57 प्रतिशत तक बढ़ी है। इन कंपनियों का संयुक्त राजस्व तीसरी तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 4.9 प्रतिशत बढ़ा था।
तुलनात्मक तौर पर, नमूने में शामिल 17 निफ्टी कंपनियों का संयुक्त शुद्घ लाभ तीसरी तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 18.9 प्रतिशत तक बढ़ी, जबकि राजस्व में 1 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।
विश्लेषकों का कहना है कि कुल आय वृद्घि और निफ्टी ईपीएस के बीच अंतर के लिए मुख्य वजह आय वृद्घि कुछ खास बैंकों और जिंस उत्पादकों तक सीमित रहना था। इक्विनोमिक्स रिसर्च ऐंड एडवायजरी सर्विसेज के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक जी चोकालिंगम का कहना है, 'आय में सर्वाधिक वृद्घि येस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, जेएसडब्ल्यू स्टील, जिंदल स्टील ऐंड पावर और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसी कंपनियों द्वारा दर्ज की गई है। इनमें से सिर्फ दो कंपनियों का सूचकांक में कम भारांक है।'
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