उत्पादन लागत से कम दाम पर आलू बेचने को मजबूर किसान | |
रामवीर सिंह गुर्जर / नई दिल्ली 01 28, 2021 | | | | |
बीते दो साल से उपभोक्तताओं का बजट बिगाड़ने वाले आलू के दाम इस साल अब किसानों का दम निकाल रहे हैं। नई फसल के दबाव में आलू के दाम इतने गिर चुके हैं कि इस समय किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है। किसानों का कहना है कि बीज, डीजल समेत अन्य खर्चे बढ़ने के कारण इस बार आलू की लागत भी बढ़ी है, ऐसे में दाम गिरने से नुकसान हो रहा है। पिछली बार बुआई के समय किसानों को बीज 30 से 35 रूपये किलो मिला था, इस बार बीज 50 से 65 रूपये किलो तक मिला है।
मुख्य उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के आलू किसान बटुकनारायण मिश्रा कहते हैं कि किसानों को आलू की कीमत 700 से 900 रुपये प्रति क्विंटल मिल रही है, जबकि बुआई के समय बीज दोगुना महंगा होने समेत अन्य खर्चे बढने से आलू उत्पादन की लागत 1,000 रुपये क्विंटल से ऊपर चली गई है। जाहिर है आलू के मौजूदा भाव पर किसानों को नुकसान उठाना पड रहा है। भारतीय सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष श्रीराम गाढवे कहते हैं कि आलू की बढी हुई उत्पादन लागत को देखते हुए किसानों को 1,200 से 1,400 रुपये क्विंटल कीमत मिलने पर ही कुछ लाभ होगा। आगरा मंडी के आलू कारोबारी दीपक कुमार भी मानते हैं कि वर्तमान भाव पर आलू किसानों को घाटा है, लेकिन आगे कोल्ड स्टोर में आलू का भंडारण होने पर दाम सुधर सकते हैं।
आजादपुर मंडी के आलू कारोबारी विनेश कुमार ने कहा कि इस समय मंडी में उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा से आलू के 100 से अधिक ट्रक आ रहे हैं जो इसकी मांग से अधिक है। इसलिए आलू के दाम गिर रहे हैं। दीपक के मुताबिक सभी उत्पादक राज्यों में नये आलू की आवक जोरों से होने के कारण आलू के भाव घटे हैं। पिछले साल लॉकडाउन के समय आलू ज्यादा खरीदा गया था और बाद बारिश से आलू की फसल को नुकसान भी हुआ था जिससे आलू काफी महंगा हो गया था। इस बार अब आलू की खपत सामान्य ही नजर आ रही है। ऐसे में आगे पिछले साल की तरह दाम बढने की उम्मीद नहीं है।
इस समय दिल्ली की आजादपुर मंडी में आलू 700 से 1,000 रुपये व आगरा मंडी में 700 से 900 रुपये बिक रहा है, जबकि पिछले साल इन दिनों दिल्ली की मंडियों में आलू 1,400 से 1,500 रुपये और आगरा मंडी में 1,200 से 1,300 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था।
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