एक सप्ताह में बीएसई-500 के 10 में से 8 शेयरों में गिरावट | सुंदर सेतुरामन / मुंबई January 28, 2021 | | | | |
पिछले एक सप्ताह में बीएसई-500 के 80 प्रतिशत से ज्यादा शेयर गिरावट के शिकार हुए हैं। 20 जनवरी को सेंसेक्स के 50,000 के निशान को छूने के बाद से सेंसेक्स में 6 प्रतिशत की कमजोरी आ चुकी है। हालांकि प्रमुख सूचकांकों में गिरावट काफी कम रही, लेकिन कुछ शेयरों में बड़ा नुकसान देखने को मिला है। बीएसई 500 सूचकांक के 416 शेयरों में औसत 5.4 प्रतिशत की कमजोरी आई है। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि बाजार में अच्छी तेजी आई थी और उसमें गिरावट संभावित थी। 1 नवंबर और 20 जनवरी के बीच सेंसेक्स, बीएसई-500 और स्मॉलकैप सूचकांकों में 26-26 प्रतिशत की तेजी आई थी, जबकि मिडकैप सूचकांक करीब 30 प्रतिशत चढ़ा था।आईडीबीआई कैपिटल के शोध प्रमुख एके प्रभाकर ने कहा, 'अच्छी तरलता की वजह से बाजार तेजी से चढ़ा है। अब फंड प्रवाह घटा है जिससे बाजार नीचे आया है।'
उन्होंने कहा, 'इस गिरावट ने दीर्घावधि निवेशकों के लिए प्रवेश का अच्छा मौका दिया है। निवेशकों को बढ़त की संभावना वाले दमदार शेयर खरीदने चाहिए। उन्हें उन शेयरों को नजरअंदाज करना चाहिए जिनके फंडामेंटल्स मजबूत नहीं हैं। बाजार में मूल्य वाले कुछ पॉकेट होते हैं और निवेशकों को बाजार में गिरावट को लेकर बेवजह चिंतित होने की जरूरत नहीं है।'
बीएसई 500 सूचकांक में शामिल जिन 20 शेयरों में जनवरी 2020 से अब तक सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है उनमें पिछले तीन महीनों के दौरान औसत 60 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। कुछ शेयरों में नवंबर के बाद अपेक्षाकृत मामूली बढ़त दर्ज की गई थी और उनमें बढ़त की काफी संभावनाएं मौजूद थी। ऐसे शेयर हालिया गिरावट के दौरान अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखने में सफल रहे हैं।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के अनुसंधान प्रमुख (खुदरा) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, 'पिछले कुछ महीनों के दौरान बाजार तेजी से बढ़त दर्ज की गई थी और फिलहाल वह प्रीमियम मूल्यांकन पर कारोबार रहा है। इसके अलावा काफी सकारात्मक घटनाओं का भी प्रभाव पड़ा है। ऐसे में जोखिम को भुनाना प्रतिकूल हो गया है और इसलिए बाजार में हम कुछ मुनाफावसूली देख रहे हैं। निकट भविष्य में व्यापक बाजार की दिशा काफी हद तक वैश्विक संकेतकों और बजट पर निर्भर करेगी। व्यापक बाजार में निवेश करने की चाहत रखने वालों को दो से तीन साल के लिए निवेश पर ध्यान देना चाहिए। तीन साल के लिए अर्थव्यवस्था और आय वृद्धि का परिदृश्य अच्छा दिख रहा है।
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