बदलाव के संकेत | संपादकीय / January 27, 2021 | | | | |
तीसरी तिमाही में अब तक घोषित 284 सूचीबद्ध कंपनियों के नतीजे कारोबारी जगत के प्रदर्शन को लेकर उत्साहित करने वाली तस्वीर पेश कर रहे हैं। सुधार की प्रक्रिया मजबूत हो रही है और इसमें नए क्षेत्रों की हिस्सेदारी बढ़ रही है। हालांकि कारोबारी मांग अभी भी अस्थिर है। अक्टूबर-दिसंबर 2019 की तुलना में इस अवधि में शुद्ध बिक्री में कोई खास बदलाव नहीं आया है लेकिन कम ब्याज लागत और कच्चे माल के कारण परिचालन लाभ 33 फीसदी बढ़ा है। कर पूर्व लाभ 88 फीसदी बढ़ा और कर पश्चात मुनाफा 93 फीसदी। बहरहाल बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और रिफाइनरी जैसे अस्थिर क्षेत्रों को बाहर कर दिया जाए तो भी शेष कंपनियों की शुद्ध बिक्री 9.8 फीसदी बढ़ी है। जबकि परिचालन मुनाफा लगभग पहले जैसा रहा। कर पूर्व और कर पश्चात लाभ क्रमश: 51.5 और 50.1 फीसदी बढ़ा। कम आधार प्रभाव के बावजूद यह बेहतर है।
बैंकों को बाहर रखना समझदारी भरा है क्योंकि मुनाफे में उतार-चढ़ाव रह सकता है। यह बात 13 बैंकों के प्रादर्श के लिए खासतौर पर सही है। ऐक्सिस बैंक के कर पश्चात लाभ में कमी आई है जबकि येस बैंक और यूको बैंक 2019-20 के अतिशय नुकसान से बाहर आ चुके हैं। येस बैंक ने इस तिमाही में 147 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्शाया है जबकि एक वर्ष पहले वह 18,564 करोड़ रुपये के घाटे में था। यूको बैंक ने 35 करोड़ रुपये का लाभ कमाया जबकि गत वर्ष समान अवधि में वह 960 करोड़ रुपये के घाटे में था। बैकों को फंसे ऋण की रिपोर्टिंग के सहज मानकों से भी लाभ हुआ है और 7.8 फीसदी के साथ ऋण वृद्धि धीमी है। दूसरे क्षेत्रों की बात करें तो वाहनों के सहायक क्षेत्र में सुधार हुआ है। अब तक नतीजे घोषित करने वाली इकलौती बड़ी कंपनी बजाज ऑटो ने 29 फीसदी का कर पश्चात लाभ अर्जित किया है। पूंजीगत वस्तुओं की बिक्री 34 प्रतिशत बढ़ी है। रोजगार के क्षेत्र में अहमियत रखने वाले, वस्त्र क्षेत्र की 14 कंपनियों की बिक्री में 12 फीसदी और कर पश्चात लाभ में 200 फीसदी इजाफा हुआ।
सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के प्रदर्शन में स्थिरता जारी है। 26 सूचीबद्ध कंपनियों की बिक्री में 6.9 फीसदी और कर पश्चात लाभ में 17 फीसदी इजाफा हुआ है। इनमें अधिकांश बड़ी कंपनियां शामिल हैं। औषधि उद्योग की बिक्री 12 फीसदी और कर पश्चात लाभ 18.5 फीसदी बढ़ा है लेकिन किसी बड़ी कंपनी ने अब तक नतीजे घोषित नहीं किए हैं। दैनिक उपयोग की उपभोक्ता वस्तु कंपनियों में हिंदुस्तान यूनिलीवर और मैरिको जैसी दो ही बड़ी कंपनियों ने नतीजे घोषित किए हैं। हिंदुस्तान यूनिलीवर के कर पश्चात लाभ में 19 फीसदी और बिक्री में 20 फीसदी का सुधार हुआ है। सीमेंट, इस्पात और गैर लौह धातुओं के नतीजे भी बहुत अच्छे हैं। नतीजे घोषित करने वाली पांच सीमेंट कंपनियों की बिक्री 15.9 फीसदी और मुनाफा 130 फीसदी बढ़ा। इस्पात क्षेत्र की 16 कंपनियों को पिछले वर्ष समान अवधि में जहां 533 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, वहीं इस वर्ष उन्हें 7,000 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। उनकी बिक्री 22 फीसदी बढ़ी है। गैर लौह धातुओं की बिक्री 25.5 फीसदी और कर पश्चात लाभ 34.7 फीसदी बढ़ा है। निश्चित रूप से चिंतित करने वाले कुछ संकेत भी हैं। उनमें पहला है अन्य आय में 23.6 फीसदी का इजाफा जो शायद स्थायी न हो। ऐसा एक अन्य संकेत जिंस चक्र में आए बदलाव में निहित है। यह बदलाव वैश्विक रुझानों की प्रतिक्रिया स्वरूप है और तेल शोधन क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। कुल मिलाकर अभी शुरुआती दिन हैं और आमतौर पर कमजोर प्रदर्शन वाली कंपनियां आखिरी दिनों में नतीजे घोषित करती हैं। चाहे जो भी हो शुरुआती संकेत तो कारोबारी जगत में सकारात्मक बदलाव के ही हैं।
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