2022 में तेज होगी वाणिज्यिक वाहन रिकवरी! | यश उपाध्याय और राम प्रसाद साहू / मुंबई January 24, 2021 | | | | |
पिछले ढाई वर्षों में लगभग सभी वाहन श्रेणियों में बिक्री में भारी गिरावट के बाद वाणिज्यिक वाहनों की स्थिति में सुधार आने की संभावना दिख रही है। बिक्री में तिमाही आधार पर अच्छा सुधार देखा गया है और इसका प्रमाण इससे मिलता है कि भारत की सबसे बड़ी सीवी निर्माता टाटा मोटर्स की बिक्री दिसंबर 2020 में 17 प्रतिशत बढ़कर 32,869 यूनिट दर्ज की गई, जबकि नवंबर में यह आंकड़ा 27,982 था। अशोक लीलैंड ने पिछले महीने सालाना आधार पर थोक बिक्री में 14 प्रतिशत की तेजी दर्ज की। विश्लेषकों का कहना है कि वाणिज्यिक क्षेत्र में विभिन्न उप-सेगमेंट के लिए आगामी तिमाहियों में इस रुझान में और सुधार आ सकता है।
एडलवाइस रिसर्च में शोध विश्लेषक विशाल श्रीवास्तव ने कहा कि पिक-अप्स और हल्के वाणिज्यिक वाहनों (एलसीवी) जैसे सेगमेंटों में जल्द सुधार आ रहा है और इन्हें मजबूत ग्रामीण अर्थव्यवस्था, ईकॉमर्स कंपनियों से अच्छी मांग और आकर्षक वित्त विकल्पों से मदद मिली है। दूसरी तरफ, पिछले साल भारी गिरावट दर्ज करने के बाद मझोले एवं भारी वाणिज्यिक वाहनों (एमऐंडएचसीवी) में वित्त वर्ष 2022 से मजबूती आने की संभावना है। ऐम्बिट कैपिटल के विश्लेषकों को वित्त वर्ष 2021 से वित्त वर्ष 2025 के दौरान बिक्री सालाना आधार पर 31 प्रतिशत रहने का अनुमान है। बिक्री में सुधार कई समस्याओं के बाद देखा जा रहा है, जिनमें एक्सल लोड वृद्घि, बीएस-6 उत्सर्जन मानकों पर अमल के बाद कीमत वृद्घि और कोविड-संबंधित दबाव आदि मुख्य रूप से शामिल हैं।
इस उद्योग के लिए खराब समय समाप्त होने की संभावना है और इससे घरेलू सीवी क्षेत्र को वित्त वर्ष 2022 से सुधार से लाभ मिलने का अनुमान है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज में वाहन विश्लेषक शशांक कनोडिय़ा का कहना है कि घरेलू सीवी क्षेत्र को खासकर माल ढुलाई गतिविधि बढऩे, सरकार द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर और खनन गतिविधियों पर जोर दिए जाने तथा ई-कॉमर्स कंपनियों से कनेक्टिविटी के लिए मांग बरकरार रहने से मदद मिल सकती है। हालांकि यह चक्रीयता आधारित सुधार न सिर्फ सूचीबद्घ मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) - अशोक लीलैंड, टाटा मोटर्स, आयशर मोटर्स, और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा तक सीमित है बल्कि इससे पूरी वैल्यू चेन को फायदा होने की संभावना है, जिसमें जेके टायर, अपोलो टायर्स, भारत फोर्ज, बॉश, एमएम फोर्जिंग्स, जमना ऑटो, ऑटोमोटिव एक्सल्स, और वैबको इंडिया जैसे कलपुर्जा आपूर्तिकर्ता शामिल हैं। जहां इन कंपनियों की शेयर कीमतें हाल के महीनों में तेजी से चढ़ी हैं, वहीं इनके लिए रेटिंग में संभावित बदलाव (जैसा कि दिसंबर तिमाही के नतीजे के बाद जेके टायर के मामले में देखा गया) दीर्घावधि नजरिया रखने वाले निवेशकों के लिए अच्छा संकेत है।
अशोक लीलैंड
हिंदुजा गु्रप की अशोक लीलेंड 33 प्रतिशत बाजार भागीदारी के साथ भारत में मध्यम एवं भारी ट्रक सेगमेंट में दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी ने हल्के वाणिज्यिक वाहन (एलसीवी) सेगमेंट पर अपना ध्यान बढ़ाया है और उसे कई नई पेशकशों से बाजार भागीदारी बढ़ाने में मदद मिल रही है। अगले कुछ वर्षों के दौरान संभावित सुधार को देखते हुए क्रेडिट सुइस ने अनुमान जताया है कि वित्त वर्ष 2022-वित्त वर्ष 2023 के दौरान कंपनी का एबिटा 17-18 प्रतिशत के दायरे में बढ़ेगा।
भारत फोर्ज
पिछले 4 वर्षों के दौरान औसत आधार पर कंपनी के कुल घरेलू राजस्व का करीब 44 प्रतिशत हिस्सा सीवी सेगमेंट से प्राप्त हुआ है। एमके के विश्लेषकों का मानना है कि इस सेगमेंट से कपंनी का राजस्व वित्त वर्ष 2022 में बढ़कर 71 प्रतिशत हो जाएगा। विश्लेषकों ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में कहा है, 'हमारा सकारात्मक नजरिया ऑटोमोटिव फोर्जिंग्स में बीएचएफसी के मजबूत दबदबे, विविधीकरण पर जोर, और प्रमुख सेगमेंटों में संभावित सुधार पर आधारित है।'
अपोलो टायर्स
अपोलो टायर्स 28 प्रतिशत बाजार भागीदारी के साथ वाणिज्यिक वाहन टायर खंड में बाजार दिग्गज है। ओईएम सेगमेंट में सुधार और शानदार रीप्लेसमेंट सेगमेंट से कंपनी को बिक्री में बड़ी राहत मिलने की संभावना है। विश्लेषकों का कहना है कि इसके अलावा, यात्री कार रेडियल आयात पर प्रतिबंध से बाजार भागीदारी में सुधार, व्यापक वितरण नेटवर्क, और नई उत्पाद पेशकशों से वृद्घि की संभावना में मजबूती आने का अनुमान है।
बॉश
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के विश्लेषकों के अनुसार, भारत की सबसे बड़ी वाहन कलपुर्जा कंपनी का शुद्घ मुनाफा अनुमान वित्त वर्ष 2022 के लिए बढ़ा दिया गया है जिससे वाणिज्यिक और यात्री वाहनों में उम्मीद से बेहतर रिकवरी का पता चलता है। डीजल इंजन क्षेत्र में दबदबा रखने वाली कंपनी के लिए मुख्य बदलाव वाणिज्यिक वाहन क्षेत्र में सुधार, ऊंची बीएस-6 मात्रा, और लागत अनुकूलन उपायों के साथ साथ दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन कलपुर्जों की आपूर्ति आदि से संबंधित होगा।
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