कारशेड की जमीन के बिना तेजी से दौड़ती मेट्रो परियोजना | सुशील मिश्र / मुंबई January 22, 2021 | | | | |
मेट्रो-3 कॉरिडोर के कारशेड की जमीन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच कानूनी जंग के चलते मुंबई की पहली भूमिगत मेट्रो कब तक दौड़ेगी, इसका जवाब मौजूदा समय में भले ही किसी के पास न हो, लेकिन मेट्रो मार्ग तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से प्रस्तावित मेट्रो कार शेड को आरे कॉलोनी में पुन: स्थानांतरित करने की अपील की, जबकि राज्य सरकार विकल्प तलाशने में जुटी हुई है।
मेट्रो-3 कॉरिडोर के पैकेज-7 के तहत 76 प्रतिशत, 33.5 किमी लंबे पूरे मार्ग पर करीब 80 प्रतिशत तक टनलिंग और पूरे कॉरिडोर का 60 प्रतिशत से अधिक तक निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। कारशेड का निर्माण कार्य शुरू नहीं होने के कारण मुंबई की पहली भूमिगत मेट्रो के शुरु होने में विलंब हो रहा है। परियोजना समय पर पूरा हो करने का सुझाव देते हुए महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से प्रस्तावित मेट्रो कार शेड को यहां आरे कॉलोनी में पुन: स्थानांतरित करने की अपील की। दक्षिण मुंबई के कोलाबा और सीईईपीजेड के बीच मेट्रो-3 लाइन पर प्रस्तावित कार शेड का निर्माण पहले आरे कॉलोनी में ही होना था। बाद में राज्य सरकार ने इसे कंजूरमार्ग में स्थानांतरित करने की घोषणा की।
फडणवीस ने ठाकरे को पत्र लिख कर कहा कि कुछ अधिकारी मेट्रो-3 लाइन पर प्रस्तावित कार शेड परियोजना पर सरकार को भ्रमित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे कार्य पूरा होने में विलंब होगा और व्यय बढ़ेगा। अगर कार शेड को कंजूरमार्ग में स्थानांतरित किया जाता है तो, इसमें और संख्या में पेड़ काटे जाएंगे, परियोजना में देरी होगी और करोड़ों रुपए का नुकसान होगा। भाजपा नेता ने कहा कि यह भी झूठ है कि आरे कार शेड के लिए जमीन केवल 2031 तक ही उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि आरे में कार शेड परियोना के अध्ययन के लिए गठित तकनीकि समिति ने शुरुआत में 25हेक्टेयर जमीन का इस्तेमाल करने की अनुशंसा की थी। शेष 1.4 हेक्टेयर का इस्तेमाल बाद में किया जा सकता है। जमीन के उस छोटे से टुकड़े में 160 पेड़ हैं, जिन्हें 2053 तक कहीं और स्थानांतरित किया जा सकता है।
कारशेड की जमीन के सवाल पर शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार जमीन के दूसरे विकल्प तलाश रही है जिसके लिए समिति गठित की गई है वह अपना काम कर रही है, समिति की रिपोर्ट आने पर सरकार निर्णय लेगी। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्य सचिव संजय कुमार द्वारा गठित समिति ने सोमवार को कंजूरमार्ग और आरे कॉलोनी स्थल का दौरा किया था। इस समिति का गठन मेट्रो कार शेड के निर्माण के लिए स्थान का सुझाव देने के लिए किया गया है। शिंदे ने कहा कि कोई भी परियोजना रुकने वाली नहीं है अगले सप्ताह से मुंबई में चालक रहित मेट्रो दौड़ना शुरु हो जाएगी। शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मुंबई मेट्रो अपनी पहली स्वदेशी निर्मित ड्राइवरलेस ट्रेन को भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड बेंगलुरु से प्राप्त करेगी। उन्होंने कहा कि पहली स्वचालित मेट्रो ट्रेन 27 जनवरी को मुंबई के चारकोप मेट्रो कारशेड तक पहुंचेगी और परिचालन परीक्षण के बाद इस साल मई से शुरू होने वाले दो नए मेट्रो मार्गों पर तैनात की जाएगी। यह ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन होगी, जो अपने आप चलेगी. लेकिन, शुरू में लगभग छह महीने तक यात्रियों को घबराहट या असुरक्षित महसूस न करने के लिए उन्हें एक मोटोरमैन द्वारा संचालित किया जाएगा। गाड़ियों की अधिकतम गति सीमा 80 किमी प्रति घंटा होगी।
नई ड्राइवरलेस ट्रेनें मेट्रो 2 ए दहिसर से डीएन नगर और मेट्रो 7 दहिसर से अंधेरी पूर्व तक चलाई जाएंगी। शिंदे ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मार्गदर्शन में इन मेट्रो लाइनों और स्टेशनों के निर्माण में तेजी लाई गई है और मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीओ) द्वारा एक्जेक्यूट किया जा रहा है । बीएएमएल 3,3015 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित 340 किलोमीटर लंबे मुंबई मेट्रो नेटवर्क के लिए प्रत्येक में 6 कोचों में से 65 रेक शामिल करते हुए 390 कोचों का निर्माण करेगा, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निर्मित होने की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत अधिक किफायती हैं। प्रत्येक कोच में 52 यात्री बैठेंगे और प्रत्येक ट्रेन की क्षमता लगभग 2,280 यात्रियों की होगी और 6 रैक अगले छह महीनों में वितरित कर दिए जाएंगे, बाकी आने वाले तीन वर्षों में चलेंगे। देश को बिना चालक के चलने वाली पहली मेट्रो की शुरुआत पिछले महीने (28 दिसंबर 2020) दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर की गई थी। फिलहाल देश के 18 शहरों में मेट्रो रेल की सेवा है। वर्ष 2025 तक 25 से ज्यादा शहरों तक विस्तार देने की योजना है।
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