उपभोक्ता वस्तु विनिर्माताओं ने महंगाई, ज्यादा कर से मांगी राहत | अर्णव दत्ता / January 20, 2021 | | | | |
उपभोक्ता वस्तुओं के विनिर्माता इस समय हाल में कच्चे माल के दाम में बढ़ोतरी और घटी मांग के संकट से जूझ रहे हैं। विनिर्माताओं ने वित्त मंत्री से बजट में ऐसे कदम उठाने की मांग की है, जिससे लागत का दबाव कम हो और ग्राहकों की खरीद क्षमता में सुधार हो। नवंबर के बाद से तांबे, स्टील और प्लास्टिक जैसे प्रमुख कच्चे माल के दाम में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में रेफ्रिजरेटर, टेलीविजन और वाशिंग मशीन जैसे ज्यादातर उपभोक्ता वस्तुओं के विनिर्माण में लगे कारोबारी इसके दबाव से जूझ रहे हैं। इस श्रेणी में कीमतें बढ़ी हैं, जिससे दीपावली के बाद बिक्री में गिरावट आई है। मांग में आगे किसी और गिरावट की समस्या से निपटने के लिए विनिर्माता अब अप्रत्यक्ष करों को तर्कसंगत बनाए जाने की मांग कर रहे हैं।
पैनासोनिक इंडिया एवं दक्षिण एशिया के प्रेसीडेंट और सीईओ मनीष शर्मा ने सरकार से अनुरोध किया है कि दो प्रमुख श्रेणियों एयर कंडिशनर्स और टेलीविजन पर कर की दरें तार्किक की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अब यह लग्जरी का सामान नहीं रह गया है, ऐसे में बेहतर उत्पाद बनाने के लिए विनिर्माताओं को प्रोत्साहित करने, इसके उपकरणों में निवेश आकर्षित करने और बाजार में पहुंच बनाने के लिए कीमतों में सुधार जरूरी है।
सुपरप्लास्ट्रॉनिक्स के सीईओ अवनीत सिंह मारवाह के मुताबिक सरकार टीवी पैनलों पर सीमा शुल्क कम कर सकती है। उन्होंने कहा, 'पिछले कुछ महीने में पैनल की लागत बहुत बढ़ी है। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि इस पर शुल्क कम किया जाना चाहिए।'
उषा इंटरनैशनल को भी लगता है कि कीमतों में बढ़ोतरी का असर गर्मियों की बिक्री पर पड़ेगा। सीईओ दिनेश छाबड़ा ने कहा, 'कच्चे माल के दाम में हाल की अप्रत्यासित बढ़ोतरी और माल ढुलाई की लागत बढऩे से आने वाली गर्मियों में बिक्री पर असर पडऩे की संभावना है।'
रिटेलर्स एसोसिएशन आफ इंडिया ने खुदरा कारोबार बढ़ाने के लिए खुदरा कारोबारियों का पंजीकरण एमएसएमई की श्रेणी में करने, राज्यों द्वारा मॉडल शॉप और स्टैब्लिशमेंट ऐक्ट जल्द स्वीकार करने और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का विस्तार करने का अनुरोध किया है।
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