जल जीवन मिशन को मिलेगा दोगुना धन | रुचिका चित्रवंशी / नई दिल्ली January 20, 2021 | | | | |
आगामी बजट में जल जीवन मिशन के लिए आवंटन दोगुना होने की उम्मीद है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि इसका बजट 22,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकता है, क्योंकि महामारी के बाद यह योजना गति पकड़ रही है।
जल शक्ति मिशन में जनवरी-मार्च 2021 के दौरान तेज सुधार होने की उम्मीद है और इस दौरान परिवारों को टोंटी के पानी की आपूर्ति में शेष धन का इस्तेमाल हो जाएगा। अधिकारी ने कहा, 'सामान्यतया अंतिम तिमाही में भौतिक प्रगति गति पकड़ती है। जिलों में कार्यक्रम में प्रगति के आधार पर हम राज्यों को धन जारी करेंगे।'
जल जीवन मिशन पर अनुमानित लागत करीब 3.6 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 2.08 लाख करोड़ रुपये होगी।
मंत्रालय को जल जीवन मिशन की गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है, जिससे वह राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक से 12,000 करोड़ रुपये बजट के अतिरिक्त संसाधन जुटाने पर भी विचार कर रहा है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'कोविड की वजह से काम धीमा होगया है और राजकोषीय स्थिति भी बहुत उत्साहजनक नहीं थी, अब हम सुधार देखेंगे।'
जल शक्ति मिशन की हाल की एक प्रेस विज्ञप्ति में भी कहा गया है कि लॉकडाउन के कारण सभी काम प्रभावित हुए हैं और देश के ज्यादातर इलाकों में निर्माण गतिविधियों पर भी असर पड़ा है।
जल खपत व्यवस्था की निगरानी के लिए भी सरकार रणनीति तैयार कर रही है। अब तक जल जीवन मिशन के तहत घरों में पानी के मीटर लगाने का व्यय शामिल नहीं किया गया है। बहरहाल केंद्र सरकार ने राजें से कहा है कि वे सेंसर पर आधारित निगरानी व्यवस्था का प्रावधान करें, जो पानी के मीटर जैसा ही कुछ होगा।
सरकार को इस बात की चिंता है कि भारत के आकार को देखते हुए निगरानी की लागत बहुत ज्यादा हो सकती है। देश में करीब 6 लाख गांव हैं और जिनमें 17 लाख से ज्यादा आवासीय इलाके हैं।
जल शक्ति मंत्रालय जलापूर्ति और इसके इस्तेमाल को मापने के लिए वहनीय लागत की सही तकनीक पाने के लिए अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों से संपर्क की योजना बना रहा है।
गावों के 34 प्रतिशत मकानों में अब टोंटी के पानी की आपूर्ति हो रही है, जिनमें से आधा जल जीवन मिशन के तहत हुआ है। यह योजना 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू की थी। उस समय 18.97 करोड़ ग्रामीण मकानों में से 3.2 करोड़ मकानों यानी करीब 17 प्रतिशत में टोंटी के पानी की आपूर्ति हो रही थी। अगले साल तक कवरेज बढ़ाकर 45 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। अगस्त 2019 से 3 करोड़ मकानों में टोंटी का पानी मुहैया कराया गया है।
पंजाब व तमिलनाडु देश के पहले राज्य हैं, जहां हर स्कूल में टोंटी का पानी मुहैया कराया जा चुका है। अब तक गोवा और तेलंगाना दो राज्य ऐसे हैं, जहां 100 प्रतिशत लोगों को टोंटी का पानी मिल रहा है। बिहार और पुदुच्चेरी में 2021 तक पूरा कवरेज हो जाने की संभावना है।
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