ग्लोबल लॉजिस्टिक्स ऑपरेटर डीपी वर्ल्ड की ओर से कराए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि 70 प्रतिशत कारोबारी यह उम्मीद कर रहे हैं कि 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद रिकवरी मेंं लगे वक्त की तुलना में तेजी से कारोबार महामारी के पहले के स्तर पर पहुंच जाएगा। 2008 के वित्तीय संकट से उबरने मेंं 2 साल 2 महीने लगे थे। करीब एक तिहाई रिकवरी दोगुने से ज्यादा तेजी से होगी और एक साल के भीतर कारोबार महामारी के पहले के स्तर पर पहुंच जाएगा।
इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट की ओर से कराए गए एक अध्ययन के मुताबिक आंकड़ों से पता चलता है कि महामारी के कारण कंपनियों के कारोबार करने के तरीके में बदलाव आया है। 33 प्रतिशत अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि वे अपनी आपूर्ति शृंखला को नए सिरे से तैयार करने की प्रक्रिया में हैं। इसके लिए नए आपूर्तिकर्ताओं को जोड़ा जा रहा है और अलग लॉजिस्टिक प्रदाता का इस्तेमाल हो रहा है। साथ ही उत्पादन या खरीद के स्थान में भी बदलाव हो रहा है। इसमें शामिल 65 प्रतिशत ने कहा कि पुनर्गठन की प्रक्रिया एक साल के भीतर पूरी हो जाएगी। महामारी के शुरुआती दौर में बंदी व उत्पादन में व्यवधान की वजह से एक भौगोलिक क्षेत्र पर निर्भरता की खामियां सामने आईं और कार्गो की आवाजाही में पारदर्शिता की कमी उजागर हुई है।