जीवन बीमा क्षेत्र की वृद्घि महामारी के आरंभिक महीनों में निचले स्तर पर जाने के बाद सुधरी और फिर से इसमें गिरावट आई है। जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के प्रबंध निदेशक विपिन आनंद ने सुब्रत पांडा के साथ बातचीत में कहा कि वह साल के अंत तक दो अंक की वृद्घि को लेकर आशान्वित हैं। उन्होंने एलआईसी द्वारा इक्विटी निवेश पोर्टफोलियो में कमाए गए रिकॉर्ड मुनाफे के बारे में भी बताया। पेश हैं मुख्य अंश:
एलआईसी ने बार बार कहा है कि वह वित्त वर्ष 2021 के अंत तक दो अंक की वृद्घि दर पर लौट आएगा। इसके लिए क्या योजना है?
जून में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद आर्थिक गतिविधियों में वृद्घि आने लगी थी जिसके परिणास्वरूप एलआईसी के कारोबारी प्रदर्शन में सुधार हुआ। 31 दिसंबर तक व्यक्तिगत जीवन बीमा कारोबार में हमने पहले वर्ष का कुल 40,501.81 करोड़ रुपये का प्रीमियम हासिल किया जबकि पिछले वर्ष इसमें 38,253.23 करोड़ रुपये का प्रीमियम हासिल हुआ था। इस प्रकार इसमें 5.88 फीसदी की वृद्घि हुई है। चालू वित्त वर्ष के अंतिम तीन महीने बीमाकर्ताओं के लिए अहम हैं। इन महीनों में अनलॉक की प्रक्रिया का और अधिक विस्तार होगा और शीर्घ ही कई प्रकार के कोविड टीका उपलब्ध होंगे।
क्या आपको लगता है कि एन्यूटी में मौजूदा रुझान जारी रहेगा?
जीवन प्रत्याशा बढऩे और ब्याज दरों के तेजी से घटने से किसी व्यक्ति के लिए अपने सेवानिवृत्ति फंड का ईष्टïतम तरीके से प्रबंधन करना कठिन हो गया है। बहरहाल, भारत में हमारी आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा असंठित क्षेत्र में काम करता है जहां पर पेंशन का कोई प्रावधान नहीं है। इन सभी कारणों से एन्यूटी उत्पादों की मांग में भारी इजाफा हुआ है जिसके कारण हमारे व्यक्तिगत प्रीमियम पोर्टफोलियो का बड़ा हिस्सा एन्यूटी है। बैंक की ब्याज दरों में आई हालिया गिरावट से यह और अधिक आकर्षक हो गया है।
एलआईसी ने अब तक इक्विटी निवेश से कितना लाभ कमाया है? इक्विटी निवेश की रणनीति क्या है क्योंकि बाजार हर महीने रिकॉर्ड ऊंचाई को छू रहे हैं?
31 दिसंबर, 2020 तक हमने 31,992.24 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह रकम 18,553.07 करोड़ रुपये रही थी। इस प्रकार इसमें 72.44 फीसदी की वृद्घि हुई है। ऐसा इसलिए मुमकिन हुआ है कि हमने अपने प्रतिकूल दृष्टिïकोण के साथ बाजार की मौजूदा परिस्थितियों का लाभ उठाया। इक्विटी में हमारी रणनीति अद्ïभुत है क्योंकि मोटे निवेश के साथ हम दीर्घावधि के निवेशक हैं।
एनपीए के संदर्भ में बैंकिंग क्षेत्र को लेकर आपका क्या आकलन है? बैंकिंग स्टॉक को लेकर आप आशावान हैं?
ऐसा संभव है कि हाल के समय में बैंकिंग क्षेत्र में एनपीए (गैर निष्पादित संपत्ति) थोड़ा ऊपर उठे। ऐसे वातावरण में जहां सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कारोबार और उद्योगों को सहयोग देने के लिए कदम उठाए हैं, हम मानते हैं कि लंबे वक्त में एनपीए समस्या नहीं होगी।
क्या कोविड के कारण एलआईसी के ऋण पोर्टफोलियो में किसी प्रकार के दबाव के लिए उपाय (स्ट्रेस बिल्डिंग) हो रहे हैं? यदि ऐसा है तो क्या एलआईसी ने इसके लिए पर्याप्त प्रावधान किए हैं?
कोविड के कारण हमने अपने ऋण पोर्टफोलियो में किसी प्रकार का दबाव नहीं देखा है और जहां कहीं जोखिम है हमने उसके लिए प्रावधान किया है। हम उमीद करते हैं कि मार्च 2021 को एनपीए मार्च 2020 के मुकाबले कम स्तर पर होगा।
सरकारी प्रतिभूतियों के लिए प्रतिफल नीचे आने से क्या एलआईसी इक्विटी बाजारों की ओर ज्यादा ध्यान देगा जिससे कि घाटे की भरपाई की जा सके?
जैसा कि हमने कहा है कि हम प्रतिकूल दृष्टिकोण वाले निवेशक हैं और हमारी वृद्घिशील निवेश की रकम कुल निवेश पोर्टफोलियो का बहुत छोटा हिस्सा है। ऋण या इक्विटी में किसी प्रकार के लघु अवधि के निवेश का हमारी कमाई पर मामूली असर पड़ता है।
एक हालिया साक्षात्कार में वित्त सचिव ने कहा कि सरकार आईडीबीआई बैंक में विनिवेश पर विचार कर रही है और केंद्र ने एलआईसी को भी बैंक में विनिवेश पर विचार करने को कहा है। क्या एलआईसी आईडीबीआई बैंक से पूरी तरह से बाहर निकलने पर विचार कर रहा है? यदि ऐसा है तो यह कब तक होगा?
यह स्पष्टï है कि एलआईसी अंतत: आईडीबीआई बैंक में से अपनी हिस्सेदारी निकालेगी। यह कब तक होगा और कितनी मात्रा में होगा इस पर निर्णय उपयुक्त समय पर बोर्ड द्वारा लिया जाएगा जो कि नियामकीय ढांचे के मुताबिक होगा। हालांकि, हम ऐसे अवसर के लिए तैयार हैं जिससे शीर्घ हिस्सेदारी में कमी आ सकती है।