मिशन चंद्रयान से लेकर मिशन मंगल तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पास दिखाने के लिए बहुत कुछ है। अभी तक अनंत अंतरिक्ष पर ही नजर रखने वाला इसरो अब कुछ सामान उतारने की योजना बना रहा है जो अंतरिक्ष और अंतरिक्ष में उसकी उपलब्धियों की कहानी बताएगा। इसरो की उपलब्धियों में 111 अंतरिक्ष यान मिशन, 79 प्रक्षेपण अभियान, छात्रों के 10 उपग्रह, 33 देशों के 328 विदेशी उपग्रह...अंतरिक्ष में भेजना शामिल है। अपना सामान उतारने की इसरो की योजना एकदम सीधी है। वह उद्योग को साथ लेगा और अंतरिक्ष से जुड़ी उपलब्धियों पर आधारति टी-शर्ट, कॉफी मग, पोस्टर, चाबी के छल्ले, गेम्स, पजल आदि बनवाएगा। इसरो के अधिकारियों ने कहा कि ऐसा सामान बनाने के लिए कई एजेंसियां उससे बात कर चुकी है। संगठन को उम्मीद है कि यह सामान छात्रों और बच्चों के बीच अंतरिक्ष विज्ञान तथा तकनीक के प्रति दिलचस्पी बढ़ेगी और संगठन की उपलब्धियों का प्रचार भी होगा। इसरो इन एजेंसियों से पंजीकरण शुल्क ले सकता है और इन्हें सामान तैयार करते समय इस बात का ध्यान रखना होगा कि संगठन की छवि को नुकसान न पहुंचे। इसके लिए इसरो कुछ नमूने अपनी वेबसाइट पर डालेगा जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है। समय-समय पर इसमें नए नमूने जोड़े जाएंगे। इच्छुक एजेंसियां इसरो के साथ पंजीकरण कराने के बाद नमूना इस्तेमाल कर सकती हैं। इसरो ने कहा कि साझेदार एजेंसी या कंपनी इसरो की पहचान या चित्रों का इस्तेमाल डोरमैट, जूते-चप्पल या ऐसे किसी भी सामान पर नहीं करेगी जिससे संगठन की प्रतिष्ठा या छवि को ठेस पहुंचे। किसी उपकरण, मॉडल, गेम या पजल को बनाते समय 3डी या 2डी रेखाचित्र लिया जाता है तो ध्यान रखा जाए कि वह एकदम सटीक हो। इसरो इन उत्पादों की जांच करेगा औैर दिशानिर्देशों का उल्लंघन होने पर लाइसेंस रद्द कर देगा। संगठन ने यह भी कहा कि सामान की कीमत बाजार के लिहाज उचित रहेगी औैर इसरो किसी तरह का ब्रांड शुल्क इत्यादि नहीं लेगा। अभी कुछ ई-कॉमर्स वेबसाइट पर ऐसी टी-शर्ट बिक रही हैं जिन पर इसरो का लोगो लगा है मगर संगठन के अधिकारियों ने कहा कि इस तरह का कोई भी आधिकारिक गठजोड़ नहीं किया गया है। इसरो से जुड़ा सामान बाजार में उतारने का विचार नया नहीं है और इस पर कुछ समय से चर्र्चा हो रही है। संगठन के पूर्व चेयरमैन के राधाकृष्णन ने 2013 में इसकी बात की थी। लोगो के साथ जुडऩे और इसरो तथा अंतरिक्ष कार्यक्रम के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न पहल शुरू करने वाले संगठन के वर्तमान चेयरमैन के शिवन अब इसे आगे बढ़ा रहे हैं।
