उद्योग संगठन एसोचैम के नए अध्यक्ष विनीत अग्रवाल ने आगामी बजट में ज्यादा व्यय करके राजकोषीय विस्तार की वकालत की है। अग्रवाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, 'राजकोषीय राहत अहम है। दुनिया इस समय सौ साल में आने वाले इस तरह के संकट से बाहर आने की कवायद कर रही है, ऐसे में व्यय पर ध्यान होना चाहिए।' अग्रवाल ने कहा कि बुनियादी ढांचे पर किए गए खर्च का असर ज्यादा होता है, ऐसे में सरकार को 111 लाख करोड़ रुपये के नैशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइल को गति देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को मल्टी मोडल लॉजिस्टिक परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, क्योंकि 60 प्रतिशत माल ढुलाई सड़क मार्ग से होती है। इसकी ढुलाई रेल व जलमार्ग से करके लागत घटाई जा सकती है। बुनियादी ढांचा से संबंधित मंत्रालयों जैसे सड़क, राजमार्ग और ग्रामीण विकास का व्यय भी बढ़ाया जाना चाहिए। सरकार को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसी योजनाओं का आवंटन बढ़ाना चाहिए, जिससे न सिर्फ रोजगार सृजन होगा और आय सृजन का स्रोत बनेगा बल्कि इससे कृषि आपूर्ति शृंखला को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य पर निजी व सरकारी खर्च बढ़ाकर जीडीपी के 6 प्रतिशत किया जाना चाहिए, जो अभी 3.6 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि भारत में ज्यादा अस्पतालों, स्पेशलिटी केयर सेंटरों की जरूरत के साथ शोध एवं विकास पर व्यय बढ़ाने की जरूरत है, जिससे देश भविष्य में आने वाली किसी आपदा के लिए हमेशा तैयार रहे। अग्रवाल ने कहा कि करों को तार्किक बनने और निजीकरण की रफ्तार तेज करने की जरूरत है।
