प्रत्यक्ष कर संग्रह में महज 9.2 फीसदी कमी | दिलाशा सेठ / नई दिल्ली January 14, 2021 | | | | |
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अंतिम समय में आयकर रिटर्न दाखिल करने में तेजी आने के साथ ही शुद्घ प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में केवल 9.2 फीसदी कम रह गया है। आम बजट से पखवाड़े भर पहले यह आंकड़ा सरकारी खजाने की बेहतरी का दिलासा दे रहा है। वित्त वर्ष 2020 के लिए के लिए रिटर्न भरने के अंतिम दिन रविवार तक 5.9 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न भरा है।
13 जनवरी तक शुद्घ प्रत्यक्ष कर संग्रह 6.57 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल 13 जनवरी तक 7.25 लाख करोड़ रुपये था। 16 दिसंबर को तीसरी किस्त जमा होने के बाद संग्रह में 13 फीसदी कमी थी, जो अब घटकर 9.2 फीसदी रह गई है।
सूचना प्रौद्योगिकी के अड्डे बेंगलूरु में कर संग्रह बढऩे से कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह में ज्यादा तेजी आई है। बेंगलूरु क्षेत्र में प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछल साल की तुलना में 11 फीसदी बढ़ा है। जयपुर क्षेत्र में कर संग्रह में 1 फीसदी की गिरावट आई है। मुंबई में संग्रह 6 फीसदी और दिल्ली क्षेत्र में 19 फीसदी घटा है। इस दौरान रिफंड भी पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 3 फीसदी घटकर 1.65 लाख करोड़ रुपये रहा और सकल कर संग्रह 8 फीसदी घटकर 8.22 लाख करोड़ रुपये रहा।
हालांकि चालू वित्त वर्ष के लिए 13.19 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य हासिल करना कठिन है, लेकिन कर विभाग को उम्मीद है कि विवाद से विश्वास योजना के तहत 40-50 हजार करोड़ रुपये मिलने पर वह पिछले साल के बराबर यानी करीब 10.53 लाख करोड़ रुपये जुटा सकता है। विवाद से विश्वास योजना 31 जनवरी को खत्म हो रही है। सरकार शुरू में इस योजना के जरिये 2 लाख करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद कर रही थी। 5 लाख लंबित मामलों में से करीब 35 फीसदी ने इस योजना में हिस्सा लिया था। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, 'आर्थिक गतिविधियों में सुधार के साथ ही कर संग्रह में तेजी आई है। हमें उम्मीद है कि प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले साल के बराबर 10.53 लाख करोड़ रुपये रह सकता है। विवाद से विश्वास योजना की वजह से इसमें थोड़ा-बहुत इजाफा भी संभव है।'
कोविड-19 के कारण रिटर्न भरने की तिथि को तीन बार बढ़ाए जाने के बाद वित्त मंत्रालय ने समयसीमा और बढ़ाने से इनकार कर दिया। अंतिम दिन कंपनियों से इतर 31 लाख आयकर रिटर्न भरे गए। कंपनियों के लिए रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 फरवरी है। 10 जनवरी तक कुल 5.9 करोड़ रिटर्न भरे गए। पिछले साल इस दौरान 5.6 करोड़ रिटर्न भरे गए थे।
कुल सालाना कर संग्रह में स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की हिस्सेदारी 35 फीसदी होती है और इस बार सभी क्षेत्रों में इसमें 5 से 10 फीसदी की कमी आई है। करीब 45 फीसदी प्रत्यक्ष कर राजस्व अग्रिम कर से मिलता है और शेष 20 फीसदी स्व-आकलन और अन्य वसूली से प्राप्त होता है। तीसरी तिमाही में अग्रिम कर संग्रह 33 फीसदी बढ़कर 1.41 लाख करोड़ रुपये रहा। अप्रैल-दिसंबर में अग्रिम कर संग्रह 2.99 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 6 फीसदी कम है।
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