यूपी : धान खरीद तय लक्ष्य से अधिक, भंडारण की दिक्कत | बीएस संवाददाता / लखनऊ January 14, 2021 | | | | |
किसान आंदोलन, न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने को लेकर छिड़ी रार के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस साल धान की सरकारी खरीद का नया रिकॉर्ड बना रही है। धान की सरकारी खरीद तय लक्ष्य से कहीं ज्यादा हो जाने के चलते अब इसके भंडारण का संकट भी खड़ा होने लगा है। सरकारी खरीद की समय सीमा समाप्त होने से काफी पहले ही लक्ष्य से कहीं ज्यादा खरीद हो चुकी है।
इस बीच धान की सरकारी खरीद को लेकर किसान आरोप भी लगा रहे हैं कि उनकी उपज की खरीद नहीं हो रही है। प्रदेश के कई इलाकों में किसानों के बवाल की खबरें भी आ रही हैं। प्रदेश सरकार ने धान के सरकारी खरीद केंद्रों का जायजा लेने के लिए अपने मंत्रियों की ड्यूटी लगाई है। इससे पहले बीते महीने वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को भी मौके का जायजा लेने भेजा गया था।
खाद्य एवं रसद विभाग के आंकड़ों के मुताबिक सरकार भंडारण क्षमता से ज्यादा धान की खरीद कर चुकी है, जबकि अभी फरवरी यानी एक महीने से ज्यादा समय तक खरीद और होनी है।
खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक प्रदेश में 11 लाख किसानों से 10,274 करोड़ रुपये में 57 लाख टन से ज्यादा धान की खरीद हो चुकी है, जबकि उत्तर प्रदेश में इस सीजन में 55 लाख टन धान खरीद का ही लक्ष्य रखा गया था। अधिकारियों का मानना है कि सीजन के अंत तक लगभग 70 लाख टन खरीद हो सकती है। पिछले वर्ष इस समय तक लगभग 45 लाख टन खरीद हुई थी।
उम्मीद से कहीं ज्यादा खरीद हो जाने के बाद अब सरकार के सामने भंडारण का संकट खड़ा हो गया है। प्रदेश में कुल भंडारण क्षमता 50 लाख टन है जिसमें से इस सीजन में धान या चावल रखने के लिए 40 लाख टन की जगह उपलब्ध रहती है। भंडारण के संकट को देखते हुए प्रदेश सरकार भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से पहले से जमा चावल दूसरे राज्यों में ले जाने के लिए कहने और सरकारी राशन की दुकानों से एक ही महीने में दो महीनों का चावल बांटने जैसे विकल्पों पर विचार कर रही है। खाद्य आयुक्त के मुताबिक प्रदेश में हर महीने राशन कार्ड के लाभार्थियों को 8 लाख टन चावल का वितरण होता है।
अधिकारियों का कहना है कि इस बार धान के एमएसपी और बाजार दर में खासा अंतर है जिसके चलते ज्यादा से ज्यादा किसान अपनी उपज सरकारी खरीद केंद्रों पर ही ला रहे हैं।
इसके साथ ही किसानों के आंदोलन के कारण भी सरकार तेजी से खरीद कर रही है। लक्ष्य के पूरा हो जाने के बाद भी सरकारी खरीद जारी रखने के निर्देश योगी सरकार की ओर से पहले ही दिए जा चुके हैं। खाद्य अधिकारियों का कहना है कि भंडारण के संकट से न निपटा गया तो अप्रैल में गेंहूं की सरकारी खरीद शुरु होने पर दिक्कतें और बढ़ जाएंगी।
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