अमीर निवेशकों का पोर्टफोलियो बदलाव पर जोर | ऐश्ली कुटिन्हो / मुंबई January 13, 2021 | | | | |
पिछले दो महीनों में इक्विटी में आई शानदार तेजी के बाद अमीर निवेशक अपने परिसंपत्ति आवंटन में बदलाव ला रहे हैं। बाजार पर्यवेक्षकों के अनुसार, निवेशकों ने मुनाफावसूली की है और अपनी पूंजी या तो निर्धारित आय या आवासीय परिसंपत्ति में लगा रहे हैं।
निजी संपत्ति प्रबंधन फर्म क्लाइंट एसोसिएट्स के सह-संस्थापक रोहित सरीन ने कहा, 'हमने सितंबर से इक्विटी के लिए रेटिंग ओवरवेट से घटाकर न्यूट्रल कर दी है। जहां आर्थिक सुधार उम्मीद से बेहतर है, वहीं मूल्यांकन महंगे हैं और लगता है इनमें बुनियादी आधार के मुकाबले ज्यादा तेजी आई है।' बीएसई का सेंसेक्स नवंबर से 25 प्रतिशत चढ़ा है और यह मार्च के निचले स्तरों से 90 प्रतिशत की तेजी दर्ज कर चुका है। निर्धारित आय खंड में, निवेशक कॉरपोरेट बॉन्ड फंडों और बैंकिंग एवं पीएसयू फंडों में संभावनाएं देख रहे हैं और इन दोनों ने ही पिछले साल 9.55 प्रतिशत और 9.5 प्रतिशत के प्रतिफल के साथ अच्दा प्रदर्शन किया। कॉरपोरेट बॉन्ड फंडों को अपने कुल पोर्टफोलियो का कम से कम 80 प्रतिशत हिस्सा एएए-रेटिंग वाले पत्रों में निवेश करना होता है। विश्लेषकों का कहना है कि कुछ फंड अब 100 प्रतिशत एएए-रेटिंग पोर्टफोलियो से जुड़े हुए हैं।
लैडरप वेल्थ मैनेजमेंट के प्रबंध निदेशक राघवेंद्र नाथ ने कहा, 'निवेशक अपने परिसंपत्ति आवंटन पर पुनर्विचार कर रहे हैं, क्योंकि मूल्यांकन पर दबाव पड़ा है। पूंजी ऐसी परिसंपत्तियों में निवेशित रखना जरूरी है जिन्हें किसी विपरीत घटनाक्रम में आसानी से बेचा जा सके।'
कॉरपोरेट बॉन्ड फंड और बैंकिंग एवं पीएसयू फंडों ने पिछले दो महीनों में 19,703 करोड़ रुपये और 5,946 करोड़ रुपये का पूंजी प्रवाह दर्ज किया है।
कम जोखिम क्षमता वाले निवेशक क्रेडिट रिस्क फंडों की ओर रुख कर रहे हैं।
आईआईएफएल वेल्थ में वरिष्ठ प्रबंधन पार्टनर और मुख्य निवेश अधिकारी उमंग पपनेजा ने कहा, 'तीन वर्ष की निवेश अवधि के दौरान क्रेडिट फंड पारंपरिक एएए-कॉरपोरेट बॉन्ड फंडों के मुकाबले बड़े अंतर के साथ प्रतिफल मुहैया कराते हैं। इससे भविष्य में किसी नकारात्मक घटनाक्रम या संभावित चूक के लिए बचाव में मदद मिलती है। फिर भी, आपको निवेश से पहले पोर्टफोलियो के शेयरों पर गहराई से विचार करने की जरूरत होगी।'
अमीर निवेशक अपनी पूंजी आवासीय रियल एस्टेट में भी लगा रहे हैं, क्योंकि मॉर्गेज दरें घटकर निचले स्तर पर रह गई हैं और मुनाफा स्तर सर्वाधिक ऊंचाई पर है। विश्लेषकों का कहना है कि नकदी प्रवाह को प्राथमिकता देने के लिए इन्वेंट्री बिक्री पर डेवलपरों द्वारा ध्यान दिए जाने और मॉर्गेज दरों (6 प्रतिशत से ज्यादा) और किराया आय (3 प्रतिशत से ज्यादा) के बीच बढ़ते अंतर से भी इस सेगमेंट में दिलचस्पी बढ़ी है।
मोतीलाल ओसवाल रियल एस्टेट के मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रमुख शरद मित्तल ने कहा, 'पिछली मांग सामने आने, डेवलपरों द्वारा छूट और स्टांप शुल्क रियायत से मांग में अस्थायी तौर पर तेजी आई है। कोविड-19 से अपने स्वयं के घर में ठहरने की पसंद को बढ़ावा मिला है, जिससे आवासीय रियल एस्टेट में नए स्तर की वृद्घि आएगी।'
रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट्स या रीट्स अन्य ऐसे निवेश विकल्प हैं जिन पर अमीर निवेशक ध्यान दे रहे हैं। पपनेजा ने कहा, 'रीट एक महत्वपूर्ण वर्ग के तौर पर उभरे हैं और वे निवेश विविधता के लिहाज से आकर्षक विकल्प बन गए हैं।'
|