बाजार हलचल | बीएस संवाददाता / January 11, 2021 | | | | |
ईएलएसएस निकासी में बड़ी तेजी
दिसंबर में इक्विटी-लिंक्ड बचत योजनाओं (ईएलएसएस) में 804 करोड़ रुपये की बिकवाली दर्ज की गई। इससे बाजार पर्यवेक्षक आश्चयर्चकित हुए हैं क्योंकि पिछले सात साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब इस श्रेणी ने एक महीने के दौरान सर्वाधिक पूंजी निकासी दर्ज की। ऐतिहासिक रूप से, दिसंबर में 500-1,000 करोड़ रुपये का पूंजी प्रवाह आता रहा है, क्योंकि निवेशक इस महीने से सालाना कर नियोजन शुरू कर देते हैं। इससे बाद के महीनों में भी मजबूत प्रवाह रहता है क्योंकि वित्त वर्ष बंद होने के करीब होता है। ऐसी योजनाओं में 1,50,000 रुपये तक का निवेश आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर छूट के दायरे में आता है। अन्य कर बचत योजनाओं के मुकाबले ईएलएसएस में अच्छी बात यह है कि यह महज तीन साल की संक्षिप्त लॉक-इन अवधि से जुड़ा हुआ निवेश है। - ऐश्ली कुटिन्हो
धोखाधड़ी पर सेबी की सख्ती
कॉरपोरेट धोखाधड़ी से मुकाबले के लिए बाजार नियामक सेबी के नए खंड से चार्टर्ड अकाउंटेंट दक्षता वाले लोगों की जरूरत बढ़ गई है। कई सूचीबद्घ कंपनियों में धोखाधड़ी का पता चला है और इनमें से कई कंपनियां इस्तीफों के बाद बगैर ऑडिटर के चल रही हैं। एक सूत्र ने कहा कि हालांकि लेखा दक्षता वाले लोगों की जरूरत पूरी करना मुश्किल नहीं है क्योंकि अच्छी संख्या में चार्टर्ड अकाउंटेंट पहले से ही सेबी के साथ काम कर रहे हैं। - सचिन मामबटा
सूचीबद्घता के बाद एंटनी वेस्ट में नरमी
एंटनी वेस्ट हैंडलिंग सेल का शेयर अपनी सूचीबद्घता के एक सप्ताह बाद अपनी करीब एक-तिहाई तेजी गंवा चुका है। कंपनी के आईपीओ की कीमत 313 रुपये से 315 रुपये थी, जबकि अब यह शेयर 1 जनवरी को 400 रुपये पर सूचीबद्घ होने के बाद 374 रुपये के आसपास कारोबार कर रहा है, भले ही प्रमुख सूचकांकों में इस अवधि के दौरान तेजी आई है। विश्लेषकों का कहना है कि सूचीबद्घता संबंधी उत्साह के बाद कंपनी का बुनियादी आधार मजबूत हो रहा है। ऊंची प्राप्तियों, नगर निगमों पर निर्भरता, आरओई पर घटते प्रतिफल को लेकर उसके आईपीओ के दौरान कंपनी के बारे में चिंताएं सामने आई थीं। कंपनी को वित्त वर्ष 2019 के लिए अपने शुद्घ लाभ का 18 प्रतिशत हिस्सा अनुबंध की शर्तों के अनुरूप सेवा नहीं मुहैया कराने की वजह से जुर्माने के तौर पर चुकाना पड़ा था। - सुंदर सेतुरामन
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