इक्विटी से लगातार छठे महीने निकासी | ऐश्ली कुटिन्हो / मुंबई January 08, 2021 | | | | |
दिसंबर में इक्विटी योजनाओं में लगातार छठे महीने बिकवाली दर्ज की गई। भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन एम्फी के ताजा आंकड़े के अनुसार, दिसंबर में इन योजनाओं में 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी दर्ज की गई, क्योंकि बाजार नई ऊंचाई पर पहुंचे और निवेशकों ने मुनाफावसूली पर जोर दिया।
क्लोज-एंडेड योजनाओं को मिलाकर, कुल शुद्घ निकासी 13,121 करोड़ रुपये पर रही, जो नवंबर में दर्ज की गई 13,004 करोड़ रुपये की बिकवाली के मुकाबले ज्यादा है।
जुलाई और दिसंबर के बीच, उद्योग ने 33,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कुल बिकवाली दर्ज की। विश्लेषकों का मानना है कि यह पूंजी निकासी ऐसे समय तक बनी रहने के आसार हैं जब तक बाजार में बड़ी गिरावट नहीं आती। हालांकि कैलेंडर वर्ष 2020 के लिए पूंजी प्रवाह 2,143 करोड़ रुपये पर सकारात्मक बना रहा।
पिछले महीने लाभांश प्रतिफल और सेक्टोरल/थीमेटिक श्रेणियों को छोड़कर, सभी में निकासी दर्ज की गई। लार्ज-कैप और मल्टी-कैप श्रेणियों में 3,876 करोड़ रुपये और 3,541 करोड़ रुपये की बिकवाली हुई, जो इक्विटी श्रेणियों में सर्वाधिक है। कुल मिलाकर, यदि नई फंड पेशकशों (एनएफओ) से संग्रह नहीं होता तो यह पूंजी निकासी और ज्यादा हो सकती थी।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के सहायक निदेशक (शोध प्रबंधक) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, 'इक्विटी फंडों से शुद्घ निकासी की निरंतरता के लिए मुनाफावसूली और पोर्टफोलियो पुनर्संतुलन को जिम्मेदार माना जा सकता है, क्योंकि बाजारों ने लगातार नई ऊंचाइयों को छुआ है। यदि सभी मल्टीपल इक्विटी श्रेणियों के एनएफओ का योगदान नहीं होता तो शुद्घ पूंजी निकासी का आंकड़ा और ज्यादा होता। इन श्रेणियों ने 7,600 करोड़ रुपये जुटाए। इसके अलावा, जहां सकल खरीदारी (नए निवेश) दिसंबर में पूर्ववर्ती महीने के मुकाबले कम थे, जबकि सकल रिडम्पशन का आंकड़ा 36,220 करोड़ रुपये पर रहा, जो नवंबर के 27,113 करोड़ रुपये की तुलना में काफी ज्यादा था। इससे यह भी संकेत मिलता है कि निवेशकों ने ऊंचे बाजार मूल्यांकनों को देखते मुनाफा कमाने पर जोर दिया।'
मोतीलाल ओसवाल ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के सहायक निदेशक एवं बिक्री प्रमुख अखिल चतुर्वेदी ने कहा, 'पिछले महीने कुछ नए एनएफओ और मौजूदा ओपन-एंडेड योजनाओं में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी, जिससे सकल बिक्री में इजाफा हुआ। इन रिडम्पशन के बड़े हिस्से का पुन: आवंटन उन इक्विटी में होगा, जिनमें निवेशकों का अनुभव पिछले समय में अच्छा रहा है। इसके अलावा आईपीओ और रियल एस्टेट के लिए भी मांग से नकदी की खपत होगी।'
दिसंबर में एसआईपी योजना 15.3 प्रतिशत बढ़कर 8,418 करोड़ रुपये पर रहा। हालांकि इसमें नवंबर के आखिरी तीन दिनों के आंकड़े भी शामिल थे, जो गैर-व्यावसायिक दिन थे और दिसंबर के आंकड़े भी शामिल थे। एसआईपी की संख्या नवंबर में 3.4 करोड़ से 3.47 प्रतिशत बढ़ी, जबकि दिसंबर के अंत में एसआईपी एयूएम 3.98 लाख करोड़ रुपये दर्ज की गई, जो पूर्ववर्ती महीने के 3.78 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 5.2 प्रतिशत की वृद्घि है।
एम्फी के मुख्य कार्याधिकारी एन एस वेंकटेश ने कहा, 'रिटेल और एसआईपी फोलियो में वृद्घि म्युचुअल फंडों में बढ़ते निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है। इक्विटी फंडों और हाइब्रिड योजनाओं में पूंजी निकासी वास्तव में नकारात्मक है, लेकिन मुनाफा-आधारित बिकवाली के साथ साथ इक्विटी फंडों में नया निवेश 36,000 करोड़ रुपये के आंकड़े के साथ मजबूत रहा है।'
कई हाइब्रिड श्रेणियों ने दिसंबर में भी बिकवाली दर्ज की और बैलेंस्ड/एग्रेसिव हाइब्रिड श्रेणी 3,913 करोड़ रुपये की निकासी के साथ सबसे ऊपर रही।
|