इस्पात कंपनियों के शेयरों ने गुरुवार को नई ऊंचाई को छुआ। कीमत वृद्घि और क्षमता इस्तेमाल में सुधार की वजह से इन शेयरों में तेजी देखने को मिली है। सभी प्रमुख इस्पात उत्पादकों के शेयर एक साल की नई ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। टाटा स्टील का शेयर दिन के कारोबार में 6.9 प्रतिशत चढ़ा और बीएसई पर उसने 731.35 रुपये का नया 52-सप्ताह का ऊंचा स्तर छुआ। जिंदल स्टील ऐंड पावर (जेएसपीएल) 304.50 रुपये पर, जेएसडब्ल्यू स्टील 412.95 रुपये, और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया 80.35 रुपये पर पहुंचा। शेयरों में तेजी जुलाई से इस्पात कीमतों में बढ़ोतरी और कीमत अंतर की वजह से भी दिखी है। बड़ी इस्पात कंपनियों के लिए यह कीमत अंतर वर्ष काफी ऊपर है। जनवरी के शुरू से कंपनियों ने कीमतों में 1,000-4,000 रुपये प्रति टन का इजाफा करने की घोषणा की। ज्यादा वृद्घि आगामी सप्ताहों में देखी जा सकती है, क्योंकि एनएमडीसी ने बुधवार को लौह अयस्क-लंप्स और फाइंस (लौह अयस्क फाइंस को खनन प्रक्रिया के जरिये प्राकृतिक कच्चे लौह अयस्क से निकाल जाता है) की कीमतों में बदलाव की घोषणा की। बाजार तीसरी तिमाही में इस्पात कंपनियों से मजबूत आंकड़ों की उम्मीद कर रहा है। जेएसडब्ल्यू स्टील और जेएसपीएल द्वारा अब तक घोषित उत्पादन के आंकड़े तिमाही और सालाना आधार, दोनों पर, उत्पादन स्तरों में वृद्घि का संकेत दे रहे हैं। जेएसडब्ल्यू स्टील ने गुरुवार को घोषणा की कि उसने वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में 40.8 लाख टन कच्चे इस्पात उत्पादन का लक्ष्य हासिल किया है, जो तिमाही आधार पर 6 प्रतिशत और सालाना आधार पर 2 प्रतिशत की वृद्घि है। कंपनी का औसत क्षमता इस्तेमाल दूसरी तिमाही के 86 प्रतिशत से बढ़कर तीसरी तिमाही में 91 प्रतिशत पर पहुंच गया है। दूसरी तरफ, जेएसपीएल ने दिसंबर 2020 में अपनी सर्वाधिक बिक्री एवं उत्पादन दर्ज किया और वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में उसका इस्पात उत्पादन सालाना आधार पर बढ़कर 19.3 लाख टन पर रहा, जबकि बिक्री सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़कर 18.8 लाख टन दर्ज की गई। स्टीलमिंट के आंकड़े के अनुसार, हॉट-रोल्ड कोइल (फ्लैट) की कीमतें 48.3 प्रतिशत बढ़कर 55,250 रुपये प्रति टन और रेबार्स (लॉन्ग) की कीमतें 48.6 प्रतिशत बढ़कर 55,000 रुपये प्रति टन पर पहुंच गईं। हालांकि लौह अयस्क-फाइंस की कीमतें (ओडिशा को छोड़कर) 149 प्रतिशत बढ़कर 6,350 रुपये प्रति टन और लंप्स की कीमतें 89.2 प्रतिशत बढ़कर 8,800 रुपये पर पहुंच गईं। वहीं एनएमडीसी के फाइंस की कीमत 58.4 प्रतिशत बढ़कर 4,610 रुपये और लंप्स की कीमत 62.4 प्रतिशत बढ़कर 6,040 रुपये प्रति टन पर हैं। क्रिसिल रिसर्च की निदेशक ईशा चौधरी को तीसरी तिमाही में बड़ी इस्पात निर्माता कंपनियों के लिए एबिटा मार्जिन 500-600 आधार अंक बढऩे की संभावना है, क्योंकि इस्पात उद्योग अब कोविड के प्रभाव से तेजी से उबर चुका है। उन्होंने कहा कि मजबूत मांग की वजह से तीसरी तिमाही में इस्पात कीमतें सालाना आधार पर 30 प्रतिशत चढ़ी हैं।
