टाइल विनिर्माताओं के लिए छंटने लगे बादल | यश उपाध्याय / मुंबई January 07, 2021 | | | | |
भारतीय टाइल विनिर्माताओं के शेयर फिलहाल 52 सप्ताह की ऊंचाई पर कारोबार कर रहे हैं। टाइल कंपनियों के शेयरों को कई कारकों से बल मिल रहा है जैसे बेहतर मांग परिदृश्य, परिचालन प्रदर्शन में सुधार और बाजार हिस्सेदारी में बढ़त।
भारत में टाइल उद्योग का अनुमानित बाजार सालाना करीब 39,000 करोड़ रुपये का है। इसमें से निर्यात बाजार की हिस्सेदारी 35 फीसदी यानी करीब 13,500 करोड़ रुपये है। टाइल निर्यात बाजार में मुख्य तौर पर मोरबी की कंपनियां हैं जिनका वित्त वर्ष 2020 में लगभग 10,000 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ।
चीन सिरैमिक टाइल का सबसे बड़ा निर्यात निर्यातक है लेकिन वैश्विक निर्यात में उसकी हिस्सेदारी घटकर 2018 में 31 फीसदी रह गई जो 2015 में 40 फीसदी थी। भारत, अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई देशों ने चीन से आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाए जाने के कारण चीन की हिस्सेदारी में गिरावाट
आई है।
विश्लेषकों का कहना है कि चीन की हिस्सेदारी घटी है और आगे इसमें कहीं अधिक गिरावट आने की उम्मीद है क्योंकि भारत से निर्यात में तेजी दिख रही है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज द्वारा की गई चैनल की जांच से पता चलता है कि लॉकडाउन के बाद जुलाई 2020 के आरंभ में शुरुआती उछाल के बाद निर्यात में मजबूती जारी है। चालू वित्त वर्ष के दौरान राजस्व 12,000 करोड़ रुपये के पार पहुंचने की उम्मीद है। विश्लेषकों का कहना है कि घरेलू बाजार में दबाव कम होने से भी ब्रांडेड कंपनियों को फायदा मिलेगा।
जेफरीज ने कहा है, 'कजारिया ने वित्त वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही में बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने का दावा किया है क्योंकि मोरबी के कारोबारी लगातार निर्यात पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। वे अपने कुल उत्पादन में से 30 से 40 फीसदी हिस्से का निर्यात कर रहे हैं। अमेरिका ने चीन से आयातित टाइल पर डंपिंगरोधी शुल्क लगा दिया है और कोविड-19 के कारण इटली एवं स्पेन जैसे प्रमुख निर्यातकों का कारोबार प्रभावित हुआ है। ऐसे में भारतीय कंपनियों के निर्यात को बल मिला है। इससे घरेलू टाइल बाजार में प्रतिस्पर्धा घटने और मूल्य निर्धारण में स्थिरता बरकरार रहने की
उम्मीद है।'
घरेलू मांग में भी वित्त वर्ष 2021 में उम्मीद से कम गिरावट दिख रही है क्योंकि इसे दमदार खुदरा बाजार से दम मिल रहा है और अगले वित्त वर्ष के दौरान इसमें कहीं अधिक तेजी के आसार दिख रहे हैं।
क्रिसिल रिसर्च ने कहा है, 'घरेलू बाजार में संस्थागत रियल एस्टेट से मांगी की हिस्सेदारी 65 फीसदी है। चालू वित्त वर्ष के दौरान इसे घटकर 35 फीसदी रहने का अनुमान है क्योंकि निर्माण संबंधी नई गतिविधियां काफी कम दिख रही हैं।' नेकिप खुदरा मांग में 15 फीसदी बढ़त की उम्मीद है जिसे मुख्य तौर पर छोटे एवं मझोले शहरों से रफ्तार मिलेगी। बुनियादी ढांचा एवं आवास क्षेत्र में तेजी आने के साथ ही आगामी समय में धीरे-धीरे टाइल की मांग भी बढ़ सकती है।
सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि गैस कीमतों में मामूली वृद्धि (टाइल विनिर्माताओं के लिए कुल लागत का करीब 22 फीसदी) के बावजूद टाइल कंपनियों के परिचालन मुनाफा मार्जिन में स्थिरता बनी रह सकती है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने कहा कि मौजूदा वैश्विक महामारी के मद्देनजर कंपनियों द्वारा किए जा रहे उत्पाद मेल, उच्च परिचालन लीवरेज और लागत बचाने के उपायों से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में एबिटा मार्जिन में स्थिरता बरकरार रहने की उम्मीद है।
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