छोटे कारोबारियों ने तंबाकू के सख्त मानकों को वापस लेने का किया प्रधानमंत्री से अनुरोध | अर्णव दत्ता / नई दिल्ली January 07, 2021 | | | | |
देश के 4 करोड़ सूक्ष्म और लघु कारोबारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले उद्योग संगठन फेडरेशन आफ रिटेलर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एफआरएआई) ने तंबाकू उत्पादों की बिक्री व प्रोत्साहन पर प्रस्तावित मानकों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से के सामने अपना पक्ष रखा है। नए मानकों से छोटे कारोबारियों पर पडऩे वाले बुरे असर का हवाला देते हुए इस मामले में प्रधानमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
एफआरएआई के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (सीओटीपीए) से कारोबारियों के परिवार की आजीवका पर नया हमला होगा, जो पहले ही महामारी से तबाह हो चुके हैं। एफआरएआई के अध्यक्ष राम आसरे मिश्र ने कहा, 'हम प्रधानमंत्री से सहानुभूति दिखाने की अपील करते हैं और उनसे अनुरोध करते हैं कि वे मंत्रालय को प्रस्तावित कानून तुरंत वापस लेने का निर्देश दें, क्योंकि ये कानून बहुत सख्त हैं। कोरोनावायरस के बीच इस तरह के नीतिगत बदलाव से छोटे कारोबारियों को समस्या होगी और इस पर मानवीय आधार पर विचार होना चाहिए। आज हम निशाने पर लिए गए और पीडि़त महसूस कर रहे हैं।'
छोटे कारोबारी प्राथमिक रूप से कुछ नए प्रस्तावों जेसे खुदरा में खुले सिगरेट बेचने पर रोक, 21 साल से कम उम्र के लोगों को सिगरेट न बेचने, दुकान में इसका विज्ञापन व बढावा देने का विरोध कर रहे हैं। मिश्र के मुताबिक इसे छोटे खुदरा कारोबारियों के कारोबार पर असर पड़ेगा और बड़े खुदरा कारोबारियों को फायदा होगा। एफआरएआई के मुताबिक उसके ज्यादातर सदस्य आजीविका के लिए बिस्कुल, सॉफ्ट ड्रिंक, मिनरल वाटर, सिगरेट, बीड़ी व पान की बिक्री रिहायशों के आसपास करते हैं। इस छोटे खुदरा कारोबारियों की जरूरी सामान की बिक्री से महज 15,000 रुपये मिलते हैं, जिससे परिवार का खर्च चलाना मुश्किल होता है।
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