अगले साल 8-11.5 प्रतिशत होगी वृद्धि दर | इंदिवजल धस्माना / नई दिल्ली January 07, 2021 | | | | |
अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान अर्थव्यवस्था स्थिर मूल्य पर 8 से 11.5 प्रतिशत के बीच बढ़ सकती है।
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि या मौजूदा भाव पर आर्थिक विस्तार की बजट बनाने की प्रक्रिया में अहम भूमिका होती है। इन्हीं आंकड़ों के आधार पर कर के आंकड़े, राजकोषीय घाटे के आंकड़े आदि का अनुमान लगाया जाता है।
चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 7.7 प्रतिशत की गिरावट के अनुमान के बाद ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव ने स्थिर मूल्य पर जीडीपी वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर 8 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने अनुमान लगाया है कि नॉमिनल जीडीपी का प्रसार 11 से 11.5 प्रतिशत के बीच रहेगा। उन्होंने कहा कि बेस इफेक्ट के कारण अगले वित्त वर्ष के दौरान बहुत मजबूत रिकवरी होगी। उन्होंने कहा कि विनिर्माण, जिसमें अग्रिम अनुमान में चालू वित्त वर्ष में 9.4 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया गया है, बेहतर प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि निर्माण क्षेत्र का भी प्रदर्शन बेहतर रहेगा।
श्रीवास्तव ने कहा कि सेवा क्षेत्र, वित्तीय क्षेत्र, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेज में भी प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2020-21 में इस क्षेत्र में 0.8 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया गया था। उन्होंने कहा कि ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन और ब्रॉडकास्टिंग से जुड़ी सेवाओं संकुचन रह सकता है, लेकिन यह 21.4 प्रतिशत की गिरावट की तुलना में संकुचन कम रहेगा।
अग्रिम अनुमान के मुताबिक सरकार का लोक प्रशासन, रक्षा व अन्य सेवाओं में अगले वित्त वर्ष में 8 प्रतिशत वृद्धि की संभावना है, जबकि इसमें इस वित्त वर्ष में 3.7 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है।
भारतीय स्टेट बैंक में समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्यकांति घोष ने जीडीपी वृद्धि 10-11 प्रतिशत रहने और नॉमिनल जीडीपी वृद्धि 14 से 15 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। उन्होंने कहा कि नॉमिनल जीडीपी कमोबेश उतना ही रहेगी, जितना फरवरी में पेश 2020-21 के लिए बजट में अनुमान लगाया गया था। बजट में चालू वित्त वर्ष में नॉमिनल जीडीपी 224.89 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन अग्रिम अनुमान में इसे घलाकर 194 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।
क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डीके जोशी का मानना है कि अगले वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 10 प्रतिशत और नॉमिलत 14 प्रतिशत रहेगी। उन्होंने कहा कि बजट में उपलब्ध कराए गए प्रोत्साहन और कोविड-19 के प्रसार पर यह निर्भर होगा और जिसके मुताबिक आंकड़ों का फिर से समायोजन करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा, 'कुछ भी स्थिर नहीं है।'
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 9.5 से 10.5 प्रतिशत और नॉमिनल जीडीपी वृद्धि 13.5 से 14.5 प्रतिशत के बीच रहेगी।
क्वांट इको रिसर्च में अर्थशास्त्री विवेक कुमार ने अनुमान लगाया है कि 2021-22 के दौरान स्थिर मूल्य पर अर्थव्यवस्था में 11.5 प्रतिशत और मौजूदा भाव पर 15.5 प्रतिशत वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि यह मुख्य रूप से बेस इफेक्ट के कारण होगा, लेकिन वास्तविक अर्थ में भी कुछ रिकवरी होगी। अगले कुछ महीनों में टीकाकरण शुरू हो जाने के बाद और एक अहम संख्या में टीकाकरण होने से उपभोक्ताओं व कारोबारियों का भरोसा बढ़ेगा।
कुमार ने कहा कि सुधरी हुई उपभोक्ता धारणाओं से मांग सृजन को बल मिलेगा, जिसकी मौजूदा वित्त वर्ष में कमी रही है। इसका असर कारोबारी धारणा व निवेश पर भी पड़ा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2021-22 में राजकोषीय व मौद्रिक नीति से आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा।
|