खुदरा कर्ज की मांग में सुधार जारी | सुब्रत पांडा और अभिजित लेले / मुंबई January 06, 2021 | | | | |
आर्थिक संकेतकों में सुधार और घरों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए स्टांप शुल्क जैसे छूट दिए जाने से ऋण की मांग, खासकर खुदरा ऋण, में तेजी से सुधार के संकेत मिल रहे हैं। बड़ी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और कुछ निजी बैंकों ने दिसंबर तिमाही के एडवांस की रुझान का खुलासा किया है, जिससे कर्ज की मांग में सुधार दिख रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के मुताबिक लगातार तीन महीनों (सितंबर-नवंबर 2020) के दौरान खुदरा कर्ज में वृद्धि दर्ज की गई है।
ग्राहकों को वित्तपोषण करने वाले बजाज फाइनैंस ने दिसंबर तिमाही के अद्यतन आंकड़ों में दिखाया है कि कंपनी ने वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही (सितंबर-दिसंबर) के दौरान 60 लाख कर्ज दिए हैं, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 77 लाख कर्ज दिए थे। बहरहाल वित्त वर्ष 21 की दूसरी तिमाही में महज 36.2 लाख कर्ज बुक हुआ था, जिसकी तुलना में तीसरी तिमाही में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
वित्तपोषक की प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही में यह 1.43 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो इसके पहले की तिमाही में 1.37 लाख करोड़ रुपये था। बहरहाल वित्त वर्ष 20 की तीसरी तिमाही में कंपनी का एयूएम 1.45 लाख करोड़ रुपये था।
सबसे बड़े मॉर्गेज लेंडर एचडीएफसी ने खुलासा किया है कि उसका व्यक्तिगत कर का कारोबार दिसंबर तिमाही में लगातार सुधरा है। साथ ही बैंक द्वारा वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही में दिया गया कर्ज पिछले साल की तुलना में 26 प्रतिशत बढ़ा है। एचडीएफसी ने कहा है, '31 दिसंबर, 2020 को समााप्त 9 महीने के दौरान पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 86 प्रतिशत व्यक्तिगत कर दिया गया।' बैंक का कुल एडवांस वित्त वर्ष 21 की दूसरी तिमाही में एक साल पहले की तुलना में 10 प्रतिशत बढ़कर 5.4 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
एसबीएम बैंक (इंडिया) के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) सिद्धार्थ रथ ने कहा कम अवधि के हिसाब से खुदरा कर्ज में वृद्धि बनी हुई है। वाहनों की बिक्री बढऩे, मकान खरीदारों के लिए स्टांप शुल्क में कमी और कृषि क्षेत्र में बेहतर वृद्धि के कारण वित्तपोषण की मांग बनी हुई है। इस धारणा के बरकरार रहने के लिए वास्तविक आर्थिक वृद्धि अहम है।
वहीं दूसरी ओर निजी क्षेत्र के येस बैंक ने अपने तिमाही खुलासे में कहा है कि दिसंबर में समाप्त तीसरी तिमाही में खुदरा कर्ज वितरण दोगुना (100.9 प्रतिशत) बढ़कर 7,563 करोड़ रुपये हो गया है। दिसंबर को समााप्त तिमाही में कुल कर्ज व अग्रिम 1.69 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो सितंबर तिमाही की समाप्ति पर 1.66 लाख करोड़ रुपये था।
वहीं एक और निजी क्षेत्र के बैंक, इंडसइंड बैंक ने कहा है कि वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही में उसका कर्ज वितरण 3 प्रतिशत बढ़कर 2.07 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल की तुलना में इसमें -0.13 प्रतिशत संकुचन है। कोलकाता के निजी लेंडर बंधन बैंक ने कहा कि उसका कर्ज वितरण पोर्टफोलियो लगातार 5 प्रतिशत बढ़कर 80,255 करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले साल की तुलना में 23 प्रतिशत के करीब बढ़ा है।
आईडीएफसी फस्र्ट बैंक ने एक्सचेंज को अपने खुलासे में कहा है कि जहां कुल मिलाकर वित्तपोषित संपत्ति (कर्ज) 3 प्रतिशत बढ़ी है, वहीं खुदरा वित्तपोषित संपत्ति में दिसंबर तिमाही में इसके पहले की तिमाही की तुलना में 11 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई है।
इक्रा में उपाध्यक्ष और सेक्टर प्रमुख अनिल गुप्ता ने कहा, 'वृद्धि के आधार पर देखें तो कर्ज में वृद्धि अभी कमजोर है। बैंकों द्वारा नकदी उपलब्ध कराए जाने के बावजूद हम देख रहे हैं कि बड़ी राशि रिवर्स रीपो के तहत रिजर्व बैंक के पास जमा हो रही है।'
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