चार महीने के ऊंचे स्तर पर सोना | एजेंसियां / January 04, 2021 | | | | |
सोने ने नए साल की शुरुआत तेजी के साथ की। सोमवार को आठ सप्ताह की ऊंचाई पर पहुंच कर सोना अंतरराष्ट्रीय बाजार में नए स्तर पर पहुंचा, क्योंकि डॉलर गिरकर 2018 के मध्य स्तर पर आ गया और निवेशकों ने इसे बेचने पर जोर दिया। रुपया 9 पैसे की तेजी के बाद 73.02 की चार महीने की ऊंचाई पर बंद हुआ।
तेल भी ओपेक और संबद्घ उत्पादकों द्वारा फरवरी में उत्पादन पर सीमा लगाए जाने की उम्मीद से ऊंचाई पर पहुंच गया। टीके से कोरोनावायरस के प्रसार को नियंत्रित करने और आर्थिक सुधार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद से भी तेल में तेजी आई, लेकिन उसकी कीमत बाद के कारोबार में थोड़ी नरम पड़ गई।
हाजिर बाजार में सोना 2.14 प्रतिशत चढ़कर 1,919.11 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जो 9 नवंबर से उसका सर्वाधिक ऊंचा स्तर है।
भारत में स्टैंडर्ड श्रेणी का सोना राष्ट्रीय राजधानी में 877 रुपये चढ़कर 50,619 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया।
कच्चे तेल में भी प्रमुख वित्तीय बाजार के अनुरूप तेजी देखी गई और इसका वायदा 53.33 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा, जो मार्च 2020 के बाद से सर्वाधिक स्तर है। अमेरिकी वेस्ट टैक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) कच्चा तेल 49.83 डॉलर प्रति बैरल को छू गया, जो फरवरी 2020 से सर्वाधिक ऊंचा स्तर है। शाम 6.05 बजे तक ब्रेंट 0.12 प्रतिशत गिरकर 51.74 डॉलर प्रति बैरल पर था, जबकि डब्ल्यूटीआई 0.45 प्रतिशत गिरकर 48.30 डॉलर प्रति बैरल पर था।
एशिया की मुद्राओं में भी मजबूती के साथ नए साल की शुरुआत की है, क्योंकि निवेशकों ने कोविड-19 महामारी की स्थिति में टीके से सुधार पर दांव लगाया है और इससे डॉलर में नरमी बनी रहेगी। इंडोनेशियाई रुपिया चढ़कर 6 महीने ऊंचे स्तर पर पहुंच गया।
लगातार विदेशी फंड प्रवाह और वैश्विक रूप से अमेरिकी मुद्राओं में कमजोरी की वजह से भारतीय रुपये को भी मजबूती मिली। कारोबारियों का कहना है कि देश में कोविड-19 उपचार के दो टीकों से भी धारणा सुधरी है।
पिछले साल 2017 के बाद से अपनी सबसे बड़ी सालाना कमजोरी के बाद डॉलर में सुधार आया है जिससे ताइवानी डॉलर में 1.5 प्रतिशत की तेजी को बढ़ावा मिला, जबकि मलेशियाई रिंगिट और दक्षिण कोरियाई मुद्राओं में 0.6 प्रतिशत और 0.5 प्रतिशत की तेजी आई।
शेयरखान बाई बीएनपी पारिबा के शोध विश्लेषक सैफ मुकदम ने कहा, 'भारतीय रुपये में डॉलर गिरने और शेयर बाजारों में मजबूती के बीच तेजी आई है। बाजार धारणा इस उम्मीद के साथ सुधरी है कि टीके की पेशकश से महामारी नियंत्रित होगी और वैश्विक आर्थिक रिकवरी को बढ़ावा मिलेगा।'
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