'दुनिया में सबसे बड़ा टीकाकरण' | |
एजेंसियां / 01 04, 2021 | | | | |
औषधि नियामक द्वारा दो टीकों के सीमित आपात इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में कोरोनावायरस के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है। उन्होंने भारत में निर्मित टीकों के लिए वैज्ञानिकों एवं तकनीशियनों की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश को उन पर गर्व है।
वहीं उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने दो टीकों को सीमित आपातकालीन उपयोग के लिए दी गई मंजूरी को विज्ञान के क्षेत्र में देश की लंबी छलांग करार दिया जो मानवता को लाभ पहुंचाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में कोविड-19 के हर रोज नए मामलों की संख्या में कमी आने से इलाज कराने वालों की संख्या भी लगातार घटती जा रही है। इस बीच कोरोनावायरस संक्रमण के मिले नए प्रकार सार्ससीओवी2 से देश में अब तक 38 लोग संक्रमित पाए गए हैं।
मोदी ने राष्ट्रीय माप पद्धति सम्मेलन में वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत में निर्मित उत्पादों की न केवल वैश्विक मांग हो बल्कि उनकी वैश्विक स्वीकार्यता भी हो। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने कहा, 'किसी उत्पाद की गुणवत्ता उसकी मात्रा जितनी ही महत्त्वपूर्ण है। हमें दुनिया को केवल भारतीय उत्पादों से भरना नहीं है बल्कि भारतीय उत्पादों को खरीदने वाले हर एक ग्राहक दिल भी जीतना है। आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ाने के साथ-साथ हमारे मानक भी ऊंचे होने चाहिए।' उन्होंने कहा, 'मेड इन इंडिया की न केवल वैश्विक मांग हो बल्कि उसकी वैश्विक स्वीकार्यता भी सुनिश्चित करना है। हमें ब्रांड इंडिया को गुणवत्ता और विश्वसनीयता के मजबूत स्तंभों पर और मजबूत बनाना है।'
भारत के औषधि नियामक ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफर्ड कोविड-19 टीके कोविशील्ड और भारत बायोटेक के देश में विकसित टीके कोवैक्सीन के सीमित आपात इस्तेमाल को रविवार को मंजूरी दे दी जिससे व्यापक टीकाकरण अभियान का मार्ग प्रशस्त हो गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसी भी प्रगतिशील समाज में अनुसंधान अहम एवं प्रभावी होता है और उसका असर वाणिज्यिक एवं सामाजिक होता है। इनसे दृष्टिकोण एवं सोच को व्यापक करने में भी मदद मिलती है। उन्होंने कहा, 'अतीत हमें सिखाता है कि कोई देश विज्ञान पर जितना ध्यान केंद्रित करता है, उसकी प्रौद्योगिकी उतनी ही मजबूत होती है। इस प्रौद्योगिकी की मदद से नए उद्योगों में मदद मिलती है और यह अनुसंधान को प्रोत्साहित करता है। यही चक्र देश को आगे लेकर जाता है।' उन्होंने जोर दिया कि देश में सार्वजनिक एवं निजी, दोनों क्षेत्रों में उत्पादों एवं सेवा की गुणवत्ता दुनिया में भारत की ताकत निर्धारित करेगी।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर राष्ट्रीय परमाणु समयमापक (नैशनल एटॉमिक टाइमस्केल) और भारतीय निर्देशक द्रव्य को भी राष्ट्र को समर्पित किया और राष्ट्रीय पर्यावरण संबंधी मानक प्रयोगशाला की आधारशिला रखी। नैशनल परमाणु समय मापक, भारतीय मानक समय को दो दशमलव आठ नैनोसेकंड की सटीकता के साथ दर्शाता है जबकि भारतीय निर्देशक द्रव्य का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप प्रयोगशालों को गुणवत्ता आश्वासन उपलब्ध कराना है।
नई जांच प्रक्रिया
वहीं केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार को कहा कि वैज्ञानिकों के अत्यधिक प्रयासों की वजह से अंतत: भारत में दो कोरोनावायरस टीकों का त्वरित गति से विकास हुआ और उनके इस्तेमाल के लिए मंजूरी प्रदान की गई। स्वास्थ्य मंत्रालय का भी कार्यभार संभाल रहे हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि कोरोनावायरस की नई जांच से मिनटों में वायरस का पता चल सकता है।
पुदुच्चेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने सोमवार को कहा कि प्रशासन ने 14,000 स्वास्थ्यकर्मियों एवं संक्रमितों और विषाणु के सीधे संपर्क में रहने वाले कर्मियों के कोविड-19 टीकाकरण संबंधी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
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