दिसंबर में अब तक का सर्वाधिक जीएसटी संग्रह | दिलाशा सेठ / नई दिल्ली January 01, 2021 | | | | |
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह ने दिसंबर में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इसके साथ ही यह लगातार तीसरा ऐसा महीना रहा जब जीएसटी संग्रह 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। सरकार ने जीएसटी भुगतान नहीं करने वाले और फर्जी बिल दिखाने वाले लोगों के खिलाफ तेज अभियान चलाया था और अनुपालन शर्तें भी कड़ी कर दी थीं। माना जा रहा कि सरकार की तरफ से किए गए इन उपायों से जीएसटी संग्रह का आंकड़ा शानदार रहा है।
शुक्रवार को वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में जीएसटी संग्रह 1.15 लाख करोड़ रुपये रहा। नवंबर में यह आंकड़ा 1.049 लाख करोड़ रुपये रहा था। लगातार चौथे महीने संग्रह बढऩा आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने का संकेत दे रहा है। इससे पहले अप्रैल 2019 में जीएसटी संग्रह का दूसरा सबसे ऊंचा स्तर 1.14 लाख करोड़ रुपये रहा था। पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले दिसंबर में जीएसटी संग्रह में 11.6 प्रतिशत की तेजी दर्ज हुई। हालांकि इस संग्रह में ज्यादातर नवंबर में हए लेनदेन शामिल हैं जब त्योहारों के कारण आर्थिक गतिविधियां अधिक हुई थीं।
जीएसटी संग्रह के आंकड़ों पर इक्रा रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, 'त्योहारों के दौरान जमकर बिक्री हुई थी, जिस वजह से दिसंबर में जीएसजी संग्रह अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया। आने वाले महीनों में यह आंकड़ा कम रह सकता है।' दिसंबर में वस्तुओं के आयात की वजह से राजस्व में 27 प्रतिशत वृद्धि हुई जबकि घरेलू लेनदेन में पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 8 प्रतिशत तेजी आई। पीडब्लयूसी इंडिया में प्रतीक जैन ने कहा, 'आयातित वस्तुओं पर प्राप्त होने वाले जीएसटी से सीधा संकेत मिल रहा है कि महंगे उत्पाद जैसे मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की मांग बढ़ी है।' जैन ने कहा कि आर्थिक गतिविधियां तेज होने के साथ ही अनुपाल शर्तें कड़ी करना भी जीएसटी संग्रह में तेजी की मुख्य वजह हो सकती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 और 18-19 के जीएसटी आंकड़ों की जांच भी व्यापक स्तर पर शुरू नहीं हो पाई है। सरकार ने अक्टूबर में 500 करोड़ रुपये या इससे अधिक सालाना कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए ई-इन्वॉयसिंग प्रक्रिया शुरू की थी।
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