आईटी उद्योग में फणीश मूर्ति की होगी वापसी | विभु रंजन मिश्रा / बेंगलूरु December 29, 2020 | | | | |
करीब सात साल पहले आईगेट से चुपचाप बाहर होने के बाद फणीश मूर्ति आईटी उद्योग में संभवत: अपनी वापसी की तैयारी कर रहे हैं। समझा जाता है कि नैसडैक में सूचीबद्ध आईटी सेवा कंपनी आईगेट के पूर्व सीईओ बीपीएस फर्म सदरलैंड ग्लोबल सर्विसेज के सीईओ (आईटी सेवा एवं स्वास्थ्य आईटी सेवा) के तौर पर आईटी उद्योग में अपनी वापसी की तैयारी में हैं। मूर्ति को कभी भारतीय आईटी आउटसोर्सिंग सेवा उद्योग का पोस्टर बॉय माना जाता था लेकिन यौन दुराचार के मामले में गिरफ्तार होने के बाद उन्हेें आईगेट से बाहर होना पड़ा था।
अमेरिका की कंपनी सदरलैंड मुख्य तौर पर बिजनेस प्रॉसेस मैनेजमेंट (बीपीएम) सेवा क्षेत्र में पहले से ही मौजूद है लेकिन वह पिछले कुछ समय से आईटी सेवा क्षेत्र में अपनी दमदार पैठ बनाने की कोशिश करती रही है। कंपनी को अब तक कोई खास सफलता नहीं मिल पाई है। भारतीय मूल के दिलीप वेलोडी ने इसकी इसकी स्थापना 1986 में की गई थी। दुनिया भर में इसके कर्मचारियों की संख्या 40 से 50 हजार है। इनमें से आधे से अधिक कर्मचारी संभवत: भारत और फिलीपींस से बाहर हैं।
इस बाबत जानकारी के लिए सदरलैंड को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया। पिछले रविवार को कंपनी की प्रवक्ता ने अपने जवाब में लिखा था कि वह इस संबंध में जानकारी जुटा रही हैं और जल्द ही बताएंगी। बार-बार कोशिश करने के बावजूद मूर्ति से संपर्क नहीं हो पाया। भले ही मूर्ति को उनके दमदार कारोबारी कौशल के लिए शीर्ष तकनीकी अधिकारी के रूप में जाना जाता है लेकिन उन्हें अपने व्यक्तिगत चरित्र के कारण बार-बार परेशानी का सामना करना पड़ा है। वर्ष 2013 में कंपनी की एक सहायक कर्मचारी द्वारा उन पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाए जाने के बाद उन्हें आईगेट से बर्खास्त कर दिया गया था। हालांकि मूर्ति ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को जबरन वसूली का मामला करार दिया था लेकिन उन्होंने इस बात पर सहमति जताई थी कि उानका उक्त कर्मचारी के साथ व्यक्तिगत संबंध था जो महज दोस्ती से अधिक था।
दूसरी बार भी मूर्ति पर उसी तरह के आरोप लगाए गए थे जब 2002 में इंफोसिस में पहली बार ऐसे आरोपों के कारण उन्हें अपनी नौकरी खोनी पड़ी थी। इन्फोसिस में वह वैश्विक बिक्री प्रमुख थे। बेंगलूरु की कंपनी में उनके तत्कालीन सचिव द्वारा यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया गया था और इसलिए उन्हें कंपनी से निकाल दिया गया था। उस समय इन्फोसिस ने अदालत से बाहर 30 लाख डॉलर देकर यह मामला निपटाया था। मूर्ति ने उस समय भी अपने खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीडऩ के आरोपों से इनकार किया था।
मूर्ति के व्यक्तिगत चरित्र को अलग कर दिया जाए तो उन्हें प्रौद्योगिकी क्षेत्र में की बिक्री एवं रणनीति में कई वर्षों का अनुभव प्राप्त है और उन्हें बेहतर कारोबारी समझ के लिए जाना जाता है। आईआईटी मद्रास और आईआईएम अहमदाबाद के पूर्व छात्र मूर्ति ने वर्ष 2000 के दशक के आरंभ में इन्फोसिस में वैश्विक बिक्री प्रमुख के तौर पर अपने कार्यकाल की शुरुआत की थी। इन्फोसिस में उनके कार्यकाल के दौरान राजस्व बढ़कर 70 करोड़ डॉलर से अधिक हो गया जो 1990 के दशक के आरंभ में लगभग 20 लाख डॉलर था।
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