2021 में विदेशी निवेश की रफ्तार बरकरार रहने के आसार | पुनीत वाधवा / December 29, 2020 | | | | |
सेंट्रम ब्रोकिंग के मुख्य कार्याधिकारी निश्चल माहेश्वरी ने पुनीत वाधवा के साथ बातचीत में कहा कि बाजार नई ऊंचाई के साथ 2021 में प्रवेश को तैयार हैं, और ऐसे में निवेशकों को वास्तविक मुद्रास्फीति, आरबीआई के मौद्रिक नीतिगत कदमों पर गंभीरता से नजर रखने की जरूरत होगी। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
बाजार के संदर्भ में 2021 के लिए आपका क्या नजरिया है? नए साल में विदेशी निवेश प्रवाह कैसा रहेगा?
नए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के सत्ता में आने से बाहरी नीति,व्यापार नीति और आब्रजन प्रणाली में बड़े बदलाव दिखेंगे। इससे आर्थिक और राजनीतिक स्तर, दोनों के संबंध में वैश्विक तनाव काफी हद तक दूर होगा जिससे ऊंची वैश्विक वृद्घि का रास्ता साफ होगा। अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम है कोविड-19 के टीके को लेकर हो रही प्रगति। इसके अलावा, इन सकारात्मक घटनाक्रम, मजबूत वैश्विक और घरेलू आर्थिक मांग ने केंद्रीय बैंकों को 2020 और 2021 के वृद्घि अनुमान बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। हम 2021 में विदेशी प्रवाह में तेजी बरकरार रहने की उम्मीद कर रहे हैं।
भारत को लेकर ऐसे कौन से प्रमुख जोखिम हैं जिन्हें लेकर सतर्कता बतरने की जरूरत है?
हम हालात सामान्य होते देख रहे हैं। कई हाई फ्रिक्वेंसी के संकेतक कोविड-पूर्व स्तरों के नजदीक हैं, जिससे निवेशक आर्थिक सुधार की निरंतरता पर ध्यान देना शुरू करेंगे। कोविड-19 मामलों में गिरावट, आरबीआई के अनुकूल रुख के साथ साथ सरकार द्वारा समय पर हस्तक्षेप करने से अर्थव्यवस्था को मदद मिलने की संभावना है। हम लंबे समय बाद आय अपग्रेड चक्र में प्रवेश कर रहे हैं, जिससे बाजारों को भविष्य में और मजबूती मिल सकती है। हालांकि निवेशकों को वास्तविक मुद्रास्फीति और संबद्घ आरबीआई मौद्रिक नीतिगत कदमों तथा मौजूदा मौद्रिक हालात से बाहर निकलने की रणनीति पर ध्यान देने की जरूरत होगी।
क्या अब बाजार नेतृत्व में बदलाव आएगा?
पिछले कुछ महीनों के दौरान, बाजार परिदृश्य कंज्यूमर स्टैपल्स, आईटी और फार्मा शेयरों के प्रति मजबूत हुआ है। इन क्षेत्रों ने शानदार प्रदर्शन किया है, जबकि चक्रीयता संबंधित शेयरों का प्रदर्शन कमजोर रहा। हम वाहन, बैंक, इन्फ्रा और सीमेंट जैसे घरेलू चक्रीयता आधारित क्षेत्रों में सुधार देख रहे हैं। इन क्षेत्रों को लगातार आर्थिक सुधार से लाभ मिलने की संभावना है। घरेलू अर्थव्यवस्था में अनुकूल आर्थिक हालात और चुनाव संपन्न होने से अमेरिकी नीतिगत अनिश्चितता दूर होने की वजह से हम निवेशकों को इन क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने की सलाह दे रहे हैं।
अगली कुछ तिमाहियों के दौरान कॉरपोरेट नतीजे कैसे रहेंगे?
मौजूदा तिमाही में मजबूत सुधार बरकरार रहेगा, लेकिन भविष्य में आपको यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि क्या मांग बरकरार रहेगी या नहीं। इसके अलावा, मार्जिन दबाव भी जिंस कीमतों में तेजी को देखते हुए एक प्रमुख चुनौती रहेगा। हमारा मानना है कि फार्मा और आईटी क्षेत्र रिकवरी को लगातार बढ़ावा देंगे, जिसके बाद स्टील और सीमेंट क्षेत्रों का योगदान रहेगा। वित्त वर्ष 2022 में मजबूत सुधार दिखेगा, क्योंकि आय वृद्घि की गणना निचले आधार से होगी। इसके अलावा वैश्विक आर्थिक वृद्घि भी मजबूत रहने की संभावना है, जिससे भारत के निर्यात को गति मिलेगी।
बर्गर किंग आईपीओ ने एक बार फिर से खपत के रुझान पर ध्यान केंद्रित किया है। संबद्घ दांव को आप किस नजरिये से देख रहे हैं?
दीर्घावधि वृद्घि के लिहाज से यह एक बेहद आकर्षक क्षेत्र है। बर्गर किंग और अन्य क्यूएसआर कंपनियां सिर्फ मेट्रो/टियर-1 शहरों में हैं। इसलिए, वृद्घि दो-स्तरीय होगी। टियर-2 शहरों में विस्तार के साथ महानगरों में बढ़ती पैठ और मौजूदा स्तरों से बिक्री बढऩे से मदद मिलेगी। हम निवेशकों को इस क्षेत्र में निवेश बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं।
आप 2021 में बजट से क्या उम्मीद रखते हैं?
बजट 2021 से यह सुनिश्चित हो सकता है कि रिकवरी की गति बनी रहे। इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सार्वजनिक खर्च बढ़ाने के लिए प्रावधान जरूरी हैं, क्योंकि इसका अन्य क्षेत्रों पर भी सकारात्मक असर दिखता है। इसके अलावा हम स्टांप शुल्क में कमी, पीएमएआई के तहत प्रोत्साहनों जैसे उपायों के बाद रियल एस्टेट मांग में सुधार की उम्मीद देख रहे हैं।
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