2021 में कारोबार में तेजी की उम्मीद | देव चटर्जी / December 29, 2020 | | | | |
केरल के वायनाड जिले में स्थित एक अनुसंधान केंद्र एवं अस्पताल 'आयुर्वेद योग विला' पिछले साल की सर्दियों तक यूरोपीय रोगियों के साथ मिलकर काम कर रहा था। एक समय था जब यहां प्रवेश के लिए एक लंबी प्रतीक्षा अवधि होती थी और नजदीक के एक पहाड़ की चोटी पर स्थित संपत्ति सहित इसकी तीन इमारतों को प्राचीन भारतीय चिकित्सा विज्ञान से स्वास्थ्य लाभ की तलाश में विदेशियों द्वारा महीनों पहले बुक करा लिया जाता था। कोरोनावायरस (कोविड-19) महामारी ने उद्योग की गतिशीलता ही बदलकर रख दी है। पहाड़ पर स्थित इसकी इकाई बंद हो गई है और कुरुवद्वीप स्थित केंद्र में भी आगंतुकों की संख्या आधी रह गई है। आयुर्वेद योग विला के संस्थापक अजय कुमार का कहते हैं, 'यूरोपीय लोग महीनों पहले यहां की बुकिंग करा लिया करते थे लेकिन मार्च में लॉकडाउन के बाद कोई बुकिंग नहीं करा रहा है।' कुमार पहले फिनलैंड में कार्यरत थे और वहां से लौटने के बाद उन्होंने इस शृंखला को स्थापित किया।
कुमार ही इससे जुड़े एकमात्र व्यक्ति नहीं हैं। केरल के पर्यटन क्षेत्र का मुख्य आधार आयुर्वेद उद्योग है जो इस साल की शुरुआत में दुनियाभर में तेजी से फैली कोरोना महामारी के बाद से नुकसान में चल रहा है। इसकी 2020 की सभी बुकिंग रद्द कर दी गई हैं और अगले साल के लिए होटल एवं अस्पतालों की कोई बुकिंग नहीं है। केरल में, आयुर्वेद केंद्र एवं अस्पताल न केवल कर (टैक्स) का एक साधन हैं बल्कि ये स्थानीय लोगों को रोजगार भी देते हैं। वैश्विक आयुर्वेद बाजार का आकार वर्ष 2015 में 3.4 अरब डॉलर के मुकाबले वर्ष 2022 तक 10 अरब डॉलर होने उम्मीद की उम्मीद है और केरल इस उभरते बाजार का एक बड़ा हिस्सा बनने के लिए काफी उपयुक्त स्थान है। साल 2016 के आंकड़ों के हिसाब से केरल में 1400 से अधिक आयुर्वेदिक इकाइयां पंजीकृत हैं जिनका कुल सालाना कारोबार 300 करोड़ रुपये है जिसमें से 62 करोड़ रुपये का निर्यात होता है। यह उद्योग 4,400 करोड़ रुपये के भारतीय हर्बल बाजार में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है। केंद्र सरकार ने दुनिया में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए एक नया मंत्रालय बनाया है, और आयुर्वेद योगा विला जैसे प्रमुख अस्पताल ही चिकित्सा पर्यटकों को लाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
2021 का परिदृश्य
कुमार कहते हैं कि आने वाले साल में उद्योग प्रगति करेगा, बशर्ते केंद्र एवं राज्य सरकारें उद्योग को सहयोग दें तथा व्यवसाय करना आसान बना दें। केरल में पहले से ही अच्छी सड़कों एवं हवाई अड्डों के मामले में बेहतर मूलभूत ढांचा उपलब्ध है, लेकिन स्थानीय प्रशासन को अधिक व्यापार अनुकूल होने की आवश्यकता है। कुमार कहते हैं, 'कई यूरोपीय देश इस तरह के केंद्र एवं अस्पताल खोलने में रुचि ले रहे हैं और हमें निवेश के लिए आमंत्रित कर रहे है। लेकिन आयुर्वेद भारतीय जीवन पद्धति से जुड़ा है, और उसे वहां पर खोलना मुश्किल होगा।' अगले साल कई यूरोपीय देशों तक टीके के पहुंचने की उम्मीद है और उसके साथ ही अगले साल के मध्य से यात्री उड़ानें बेहतर स्थिति में आ जाएंगी। कुमार कहते हैं, 'हम अपने परिसर में उत्पाद बनाने एवं जैविक भोजन तैयार करने के साथ पूरे मूलभूत ढांचे के साथ तैयार हैं। हमारे कर्मचारी भी अपने कार्य फिर से शुरू करने के लिए उत्सुक हैं क्योंकि उनकी कमाई भी महामारी की चपेट में आ गई है।' कुमार के अनुसार, हम यह संदेश देना चाहते हैं कि व्यापार के लिए हमारे रास्ते खुले हैं और मरीजों के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए सभी कदम उठा रहे हैं।
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