ज्यादातर मिड, स्मॉल-कैप फंडों ने अपने बेंचमार्कों को दी मात | ऐश्ली कुटिन्हो / मुंबई December 28, 2020 | | | | |
ज्यादातर मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंडों ने इस कैलेंडर वर्ष में अपने प्रमुख सूचकांकों निफ्टी मिडकैप-150 और निफ्टी स्मॉलकैप 250 को मात दी। ऐसी 46 योजनाओं में से 25 या 54 प्रतिशत ने बेंचमार्क सूचकांकों को मात दी। मिड-कैप फंडों का औसत श्रेणी प्रतिफल 20.5 पर दर्ज किया गया जबकि निफ्टी 150 ने 20.4 प्रतिशत का प्रतिफल दिया। मॉर्निंगस्टार इंडिया के आंकड़े से पता चलता है कि स्मॉल-कैप फंडों के मामले में, औसत श्रेणी प्रतिफल 25.7 पर दर्ज किया गया, जो निफ्टी स्मॉलकैप 250 द्वारा दिए गए 19.02 प्रतिशत के मुकाबले करीब 6.7 प्रतिशत ज्यादा है। सिर्फ डायरेक्ट प्लांस पर विचार किया गया था।
मिड-कैप श्रेणी के श्रेष्ठï प्रदर्शकों में पीजीआईएम इंडिया मिडकैप अपॉ. फंड डायरेक्ट ग्रोथ (42.1 प्रतिशत) और क्वांट मिडकैप डायरेक्ट ग्रोथ (38.9 प्रतिशत) शामिल रहे और कुल मिलाकर 12 फंडों ने 20 प्रतिशत से ज्यादा का प्रतिफल दिया। वहीं स्मॉल-कैप श्रेणी में, क्वांट स्मॉल कैप डायरेक्ट ग्रोथ (67.1 प्रतिशत) और बीओआई अक्सा स्मॉल कैप डायरेक्ट ग्रोथ (48.1 प्रतिशत) श्रेष्ठï प्रदर्शक थे। कोविड-19 महामारी फैलने के बाद मार्च में मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में भारी गिरावट आई थी, लेकिन टीके की उम्मीद और अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने की संभावना से जून के बाद बाजार में तेजी देखने को मिली। विश्लेषकों के अनुसार जून 2020 से अर्थव्यवस्था में सुधार से विभिन्न वृहद, सूक्ष्म और उच्च फ्रिक्वेंसी डेटा पॉइंट्स में तेज सुधार को बढ़ावा मिला, जिसका असर इक्विटी बाजारों पर भी दिखा।
सेबी द्वारा मल्टी-कैप योजनाओं को कम से कम 25 प्रतिशत हिस्सा लार्ज-, मिड-, और स्मॉल-कैप में लगाने के निर्देश के बाद दो श्रेणियों को ताकत मिली। इसके बाद इस तरह की योजनाएं 1.47 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों के प्रबंधन में सफल रहीं। ऐसी करीब 75 प्रतिशत परिसंपत्तियोंं का लार्ज-कैप, करीब 17 प्रतिशत का मिड-कैप और सिर्फ 6 प्रतिशत का स्मॉल-कैप में निवेश किया गया था। शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि कुछ ही महीनों में करीब 26,000 करोड़ रुपये स्मॉल-कैप शेयरों और करीब 10,500 करोड़ रुपये मिड-कैप शेयरों में निवेश किए जाएंगे।
निफ्टी पिछले साल से 14 प्रतिशत (24 दिसंबर 2020 तक) चढ़ा है, जबकि मिड और स्मॉलकैप में 23 प्रतिशत और 21 प्रतिशत की तेजी आई है। टाटा म्युचुअल फंड में सीआईओ (इक्विटी) राहुल सिंह ने कहा, 'तरलता, सुधार और सरकारी खर्च की मदद से आर्थिक सुधार मिडकैप और स्मॉलकैप श्रेणी के लिए सामान्य तौर पर काफी हदद तक सकारात्मक है।' ऐक्सिस सिक्योरिटीज द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है, 'स्मॉल और मिडकैप शेयरों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है और वे 2021 में मजबूत प्रतिफल दे सकते हैं, क्योंकि आर्थिक अनिश्चितताएं घट रही हैं और अस्थिरता में भी कमी आएगी। हमारा मानना है कि 2021 में अस्थिरता काफी हद तक घट जाएगी और इससे स्मॉल तथा मिडकैप तेजी को बढ़ावा मिलेगा।' पांच साल की अवधि के दौरान मिडकैप फंडों का औसत श्रेणी प्रतिफल (11.5 प्रतिशत) अभी भी उसके बेंचमार्क (12.4 प्रतिशत) के मुकाबले कमजोर बना हुआ है।
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