पारिवारिक फर्मों के पूंजीकरण में आई उछाल | कृष्ण कांत / मुंबई December 28, 2020 | | | | |
महामारी के बाद शेयर बाजार में आई तेजी से देश के अधिकांश बड़े कारोबारी समूहों के बाजार पूंजीकरण में खासा इजाफा हुआ है। लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां इस मामले में अपवाद रही हैं। देश में निजी क्षेत्र की सभी कंपनियों का एकीकृत बाजार पूंजीकरण दिसंबर 2019 के 114.5 लाख करोड़ रुपये से 24.4 फीसदी बढ़कर बीते गुरुवार को 142.4 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह वृद्घि परिवार द्वारा संचालित कंपनियों और कारोबारी समूहों खास तौर पर फार्मा, आईटी और कंज्यूमर उत्पादों से जुड़ी कंपनियों में देखी गई। परिवार द्वारा संचालित समूहों का एकीकृत बाजार पूंजीकरण सालाना आधार पर 31 फीसदी बढ़कर 115 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया, जो एक साल पहले 88 लाख करोड़ रुपये था।
इसके परिणामस्वरूप देश में सूचीबद्घ सभी कंपनियों के समेकित बाजार पूंजीकरण में परिवार द्वारा संचालित फर्मों की हिस्सेदारी 64.5 फीसदी रही। पिछले साल इन फर्मों की कुल बाजार पूंजीकरण में 58.2 फीसदी हिस्सेदारी थी। पांच साल पहले यह हिस्सेदारी 57.5 फीसदी थी। शेष बाजार हिस्सेदारी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की सूचीबद्घ इकाइयों, सूचीबद्घ सार्वजनिक उपक्रमों और अन्य संस्थानों की कंपनियों जैसे कि एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, आईटीसी, एलऐंडटी और ऐक्सिस बैंक आदि के पास है। टाटा देश का शीर्ष कारोबारी समूह बना हुआ है और समूह की कंपनियों का एकीकृत बाजार पूंजीकरण बीते गुरुवार को 15.77 लाख करोड़ रुपये था, जो पिछले साल की तुलना में 34.1 फीसदी अधिक है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और टाइटन कंपनी के बेहतर प्रदर्शन से टाटा समूह का बाजार पूंजीकरण बढ़ा है। टीसीएस का बाजार पूंजीकरण इस साल की शुरुआत से अब तक करीब 35 फीसदी बढ़ा है, वहीं टाइटन में 26 फीसदी का इजाफा हुआ है। टाटा समूह की सभी कंपनियों के समेकित बाजार पूंजीकरण में इन दो कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 78 फीसदी है।
टाटा समूह के बाद एचडीएफसी समूह का संयुक्त बाजार पूंजीकरण इस वर्ष के शुरू से 7.4 प्रतिशत बढ़कर 14 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। एचडीएफसी पर विदेशी पोटफोलियो निवेशकों सहित वित्तीय संस्थानों का नियंत्रण है। मुकेश अंबानी नियंत्रित रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) 13.4 लाख करोड़ रुपये के साथ तीसरे स्थान पर है। सालाना आधार पर आरआईएल के बाजार पूंजीकरण में 38 प्रतिशत तेजी आई है। इसमें आरआईएल की सहायक इकाइयों नेटवर्क 18 मीडिया और हैथवे केबल सहित दूसरे समूहों का बाजार पूंजीकरण भी शामिल है। कुल मिलाकर बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष 10 समूहों में परिवार नियंत्रित 8 कारोबारी समूह हैं। यह विश्लेषण 1,060 कंपनियों के नमूने पर आधारित है। ये कंपनियां बीएसई500, बीएसई मिड-कैप या बीएसई स्मॉल-कैप सूचकांक में किसी न किसी का हिस्सा हैं।
बड़े औद्योगिक समूहों में अदाणी समूह की कंपनियां स्टॉक एक्सचेंजों पर सबसे अधिक फायदे में रही है। समूह का संयुक्त बाजार पूंजीकरण इस वर्ष दो गुना से अधिक हो गया है। अदाणी समूह की छह सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 41.7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो एक वर्ष पहले 2 लाख करोड़ रुपये था। अदाणी ग्रीन समूह में शीर्ष प्रदर्शन करने वाली कंपनी था, जिसके बाद अदाणी गैस और अदाणी एंटरप्राइजेज का स्थान था। जिन अन्य समूहों को फायदा हुआ उनमें दाव कंपनी दिविज लैब (103 प्रतिशत), अरबिंदो फार्मा (99 प्रतिशत), कैडिला (81 प्रतिशत) और डॉ रेड्डीज लैब (81 प्रतिशत) शामिल हैं। करीब दो तिहाई सूचीबद्ध कपनियों और कारोबारी समूहों के बाजार पूंजीकरण में इस वर्ष इजाफा हुआ और बड़े कारोबारी समूहों में कुछ ही नुकसान में रहे।
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