आखिरी समय की भागदौड़ से बचाएगी 'झटपट प्रोसेसिंग' | बिंदिशा सारंग / December 27, 2020 | | | | |
आखिरी समयसीमा के आसपास वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न (आकलन वर्ष 2020-21) भरने वालों के लिए आयकर विभाग तत्काल कर रिटर्न भरने के लिए 'झटपट प्रोसेसिंग' प्रक्रिया लेकर आया है। आईटी विभाग ने रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के उद्देश्य से अपने उन्नत तकनीकी प्लेटफॉर्म सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) 2.0 को लॉन्च किया है। टैक्समैन में उपमहाप्रबंधन नवीन वाधवा कहते हैं, 'सीपीसी 2.0 करदाताओं को पहले से भरे हुए फॉर्म उपलब्ध कराएगा। यह आयकर रिटर्न भरने तथा कर रिफंड की प्रक्रिया को भी तेज करेगा।'
कौन ले सकता है लाभ
विभिन्न श्रेणियों के साथ आईटीआर-1 से लेकर आईटीआर-7 तक कई फॉर्म यहां उपलब्ध हैं। होस्टबुक्स लिमिटेड के संस्थापक एवं अध्यक्ष कपिल राणा कहते हैं, 'फिलहाल झटपट प्रोसेसिंग के तहत आईटीआर-1 एवं आईटीआर-4 भरने वाले करदाता रिटर्न दायर कर सकते हैं।' किसी व्यक्ति की वेतन, एक घर की संपत्ति (एकल स्वामित्व) तथा दूसरे स्रोतों से होने वाली कुल आय अगर 50 लाख रुपये से कम है तो वह आईटीआर-1 के तहत आयकर रिटर्न दायर कर सकता है। इसी तरह, निवासी व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) या साझेदारी फर्म वेतन, एक घर संपत्ति (एकल स्वामित्व), अन्य स्रोतों से आय और अधिनियम की धारा 44एडी एवं 44एडीए के तहत गणना की गई व्यापार या पेशे से आय को जोड़कर अगर कुल आय 50 लाख रुपये से कम है तो आईटीआर-4 के तहत अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति है। हालांकि कुछ शर्तें लागू होती हैं। आरएसएम इंडिया के संस्थापक सुरेश सुराणा कहते हैं, 'यह योजना केवल तब उपलब्ध होती है जब आपका बैंक खाता पहले से सत्यापित हो, आपके पास कोई कर बकाया नहीं होता है, कोई आय विसंगति न हो, स्रोत पर कोई कर नहीं कटता है (टीडीएस) या इनवॉइस मिसमैच। साथ ही, रिटर्न को ऑनलाइन सत्यापित किया जा सके।'
टर्नअराउंड समय
इस योजना के माध्यम से रिटर्न फाइल करने के लिए, आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाएं और उपयुक्त आईटीआर फॉर्म का चयन करें। फिर उसे भरें, सबमिट करें और इसे सत्यापित करें। सुराणा कहते हैं, 'झटपट प्रोसेसिंग के तहत रिटर्न फाइल करने की प्रणाली में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि इसे और अधिक दक्ष बनाने के लिए बदलाव किए गए हैं।' हालांकि यह दावा किया गया है कि रिटर्न दायर करने की प्रक्रिया तत्काल पूरी होगी लेकिन सरकार द्वारा कोई समय सीमा निर्दिष्ट नहीं की गई है। वाधवा कहते हैं, 'इस पहल के तहत कुछ प्रकार के रिटर्न दो-तीन दिन के भीतर प्रोसेस किए जा रहे हैं। उपयोगकर्ता के अनुकूल तरीके से रिटर्न प्रक्रिया की सूचना भी साझा की जा रही है।'
समय सीमा न गंवाए
हालांकि आईटीआर दाखिल करने की सामान्य समय सीमा किसी भी निर्धारण वर्ष की 31 जुलाई है, लेकिन महामारी के कारण सरकार ने करदाताओं को 31 दिसंबर, 2020 तक अपने आईटीआर रिटर्न भरने की अनुमति ही है। साथ ही, जिनके रिटर्न का ऑडिट होना है, उन्हें 31 जनवरी, 2021 तक की छूट दी गई है। हालांकि इस समयसीमा के बाद आयकर भरने पर पर जुर्माना लगेगा। एनए शाह एसोसिएट्स एलएलपी के पार्टनर गोपाल बोहरा कहते हैं, 'यदि आप समय सीमा चूक जाते हैं, तो आप अभी भी 31 मार्च, 2021 तक धारा 234 एफ के तहत एक शुल्क के साथ एक कर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं, जो 10,000 रुपये तक हो सकता है। साथ ही, अधिनियम की धारा 234 ए और 234 बी के तहत ब्याज की भी गणना की जाएगी। हालांकि, ध्यान दें कि आपको 31 दिसंबर, 2020 तक रिटर्न न भरने पर आगे घर से आय के अलावा किसी अन्य नुकसान को कैरी फॉरवर्ड करने की छूट नहीं होगी।'
क्या करें
झटपट प्रोसेसिंग ऐसे करदाताओं के लिए एक अच्छा विकल्प है जो इसके पात्र हैं और उन्होंने अभी तक अपना रिटर्न दाखिल नहीं किया है। बोहरा कहते हैं, 'करदाताओं को उचित फॉर्म का उपयोग करना चाहिए, सभी प्रासंगिक जानकारी प्रदान करनी चाहिए, इसकी शुद्धता की पुष्टि करनी चाहिए, फॉर्म 26एएस के साथ मिलान करना चाहिए और ई-सत्यापन के साथ उसे फाइल करना देना चाहिए। ताकि रिटर्न समय पर प्रोसेस हो सके और अगर कोई रिफंड है तो उसे जल्द से जल्द जारी किया जा सके।'
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