लोग घरों में रहे, लेकिन तेजी की रफ्तार मजबूत | ऐश्ली कुटिन्हो / मुंबई December 27, 2020 | | | | |
यह अच्छी तेजी वाला वर्ष रहा। जहां धीमी आर्थिक वृद्घि एक प्रमुख चिंता थी, वहीं कोविड महामारी ने समस्या और बढ़ा दी जिससे भारत के प्रमुख सूचकांक पांच सप्ताह से भी कम समय में अपनी एक-तिहाई से ज्यादा वैल्यू गंवा बैठे थे। मई के बाद बाजार में तेज सुधार दर्ज किया गया, और 2020 का समापन 23 मार्च के निचले स्तरों से 80 प्रतिशत तेजी के साथ होने की संभावना है। लगातार तेजी काफी हद तक दुनियाभर में आसान नकदी की वजह से संभव हुई है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मार्च और अप्रैल में 62,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम के शेयर बेचे। तब से वे 2.16 लाख करोड़ रुपये के शेयरों के खरीदार रहे हैं, जिसमें नवंबर में 70,896 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड खरीदारी भी शामिल है।
दूसरी तरफ, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) से प्रवाह वर्ष की दूसरी छमाही में दर्ज किया गया, क्योंकि निवेशकों ने इक्विटी से पैसा निकालना शुरू किया और मूल्यांकन का आकर्षण समाप्त हो गया। चालू वर्ष 2020 में, डीआईआई ने 28,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे, जबकि एफपीआई ने 1.66 लाख करोड़ रुपये की खरीदारी की। वर्ष में 'रॅाबिनहुड' घटनाक्रम का उभार भी देखा गया और रिटेल निवेशकों ने भारी गिरावट की अवधि के दौरान प्रत्यक्ष रूप से शेयर खरीद पर ध्यान दिया। ऐक्सिस सिक्योरिटीज के मुख्य कार्याधिकारी बी गोपकुमार का कहना है, 'छोटे निवेशक गिरावट पर खरीदारी करते हैं। ये निवेशक अब अपना पैसा म्युचुअल फंडों के हवाले करने के बजाय अपने स्वयं के पोर्टफोलियो बनाने पर जोर दे रहे हैं।' डीएसपी म्युचुअल फंड में इक्विटी प्रमुख विनीत सांब्रे के अनुसार, अल्पावधि में बाजार की तेजी ने सभी (जिसमें अनुभवी फंड प्रबंधक भी शामिल हैं) को आश्चर्यचकित किया है। सांबे्र का कहना है, 'महामारी के संभावित आर्थिक प्रभाव पर विरोधाभासी आंकड़े, और टीके के समय को लेकर खबरों और वायरस के प्रसार ने अनिश्चितता को बढ़ावा दिया है। महामारी को लेकर बाजार की प्रतिक्रिया काफी हद तक आश्यचर्यजनक रही है।'
डाल्टन कैपिटल एडवाइजर्स (इंडिया) के निदेशक यूआर भट का कहना है, 'इसे लेकर उम्मीदें थीं कि हालात बदतर हो जाएंगे। इसके बजाय हालात तेजी से सुधरे हैं।' उन्होंने कहा कि महामारी से अन्य क्षेत्रों पर भी असर दिखा है, वैश्विक केंद्रीय बैंकों के राहत कार्यक्रमों और कोविड टीके की संभावना के बीच बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे हैं और मूल्यांकन बढ़ा है। निफ्टी 12 महीने आगामी पीई मल्टीपल पर 21.3 गुना पर कारोबार कर रहा है, जो उसके दीर्घावधि औसत से 2.6 स्टैंडर्ड डीविएशन ऊपर है। सांब्रे कहते हैं, 'मूल्यांकन कई क्षेत्रों में काफी महंगा हो गया है, खासकर वृद्घि से संबंधित क्षेत्रों का मूल्यांकन तेजी से बढ़ा है। मिडकैप और स्मॉलकैप अपने दीर्घावधि औसत से ऊपर कारोबार कर रहे हैं और हम निवेशकों को एक साल तक इनमें निवेश से परहेज करने को कह रहे हैं।' वह सूचना प्रौद्योगिकी, हेल्थकेयर, और कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी (अर्थव्यवस्था धीरे धीरे खुलने और उपभोक्ता खर्च में तेजी से लाभ) जैसे क्षेत्रों पर सकारात्मक बने हुए हैं।
उन्हें यह भी उम्मीद है कि ऑटोमोबाइल, सीमेंट और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों को चक्रीय सुधार से फायदा होगा। इसके अलावा, सरकार और आरबीआई ने अर्थव्यवस्था में सुधार और व्यवसायों को सहारा देने के लिए कई उपायों की घोषणा की है। इसके अलावा, सितंबर तिमाही के लिए कॉरपोरेट आय ने मजबूत मार्जिन वृद्घि के साथ आश्चर्यचकित किया है। लेकिन और अधिक बदलाव की जरूरत है और इसलिए सतर्कता बरतने की वजह यह है। क्रेडिट सुइस की ताजा रिपोर्ट 'इंडिया मार्केट स्ट्रेटेजी' में नीलकंठ मिश्रा के नेतृत्व में विश्लेषकों ने कहा है, 'तेजी की उम्मीद आय से पैदा हो सकती है। इसमें से कुछ आगे बरकरार रहने की संभावना है। 12 महीने आगामी आय में तेजी आनी शुरू हो गई है, क्योंकि चालू वर्ष 2021 का ज्यादातर हिस्सा आगामी आय में शामिल है। अब से एक साल तक बाजार चालू वर्ष 2022/वित्त वर्ष 2023 की आय पर ध्यान देंगे, और यदि निफ्टी और वित्त वर्ष 2022 तथा वित्त वर्ष 2023 के ईपीएस अनुमान नहीं बदलते हैं तो पीई कोविड-पूर्व स्तरों पर वापस नहीं आएगा।'
वित्त वर्ष 2023 की आय के 20 गुणा पर, ऐक्सिस सिक्योरिटीज ने निफ्टी-50 के लिए दिसंबर 2021 का लक्ष्य 14,600 पर तय किया है। मॉर्गन स्टैनली में इक्विटी रणनीतिकार रिधम देसाई ने दिसंबर 2021 के लिए सेंसेकस का लक्ष्य 50,000 पर अनुमानित किया है।
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