पोर्टफोलियो बदलाव के लिए ईएसजी पर निवेशकों का जोर | ऐश्ली कुटिन्हो / मुंबई December 23, 2020 | | | | |
ईवाई इंडिया द्वारा एक ताजा शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में निवेशक कोविड-19 महामारी के बाद पर्यावरण, सामाजिक और प्रशासनिक (ईएसजी) मानकों के आधार पर अपने पोर्टफोलियो के पुनर्मूल्यांकन पर जोर दे रहे हैं। संस्थागत निवेशकों, संपत्ति प्रबंधन ग्राहकों ने बदलाव पर ध्यान केंद्रित किया है।
कंसल्टेंसी फर्म ने कहा है कि ईएसजी कारक महामारी के बाद की स्थिति में अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण रहे हैं और कंपनियों को अपनी हितधारक जुड़ाव कोशिशों के तहत अल्पावधि में ईएसजी संबंधित निवेशक उम्मीदों पर ध्यान देने की जरूरत है।
ईवाई इंडिया में पार्टनर एवं नैशनल लीडर (क्लाइमेट चेंज एंड सस्टेनेबिलिटी सर्विसेज-सीसीएएसएस) चैतन्य कालिया ने कहा, 'कोविड-19 महामारी ने जोखिम प्रबंधन, प्रतिफल सुधारने और संकट-निरोधक दीर्घावधि मूल्य सृजन के लिए ईएसजी के महत्व को सुनिश्चित किया है। चूंकि हम वित्तीय क्षेत्र पर ईएसजी नजरिये से विचार कर रहे हैं, इसलिए निवेशकों को उन पर्यावरण और सामाजिक मुद्दों का आकलन करने की जरूरत होगी जिनका आर्थिक पुनरुत्थान में मजबूत और प्रत्यक्ष योगदान हो।'
भारत ने भी ईएसजी संबंधित निर्णय लेने की प्रक्रिया और उत्पाद पेशकशों (जैसे ईएसजी-आधारित म्युचुअल फंड) में तेजी दर्ज की है। बाजार नियामक सेबी ने भी सुझाव दिया है कि परिसंपत्ति प्रबंधक ईएसजी जोखिम प्रबंधन और प्रदर्शन को लेकर पोर्टफोलियो कंपनियों से संबंध मजबूत बनाएं।
ईवाई के अनुसार, बैंक ईएसजी जोखिम (खासकर उभरते बाजारों में) कम करने में महत्वपूर्ण योगदानदे सकते हैं, क्योंकि वित्तीय बिचौलियों और पूंजी उगाही एजेंटों के तौर पर उनका योगदान अहम है।
ताजा आंकड़े से पता चलता है कि ईएसजी आधारित फंडों ने वर्ष की पहली तिमाही (जब कोविड-19 से आर्थिक संकट शुरू हुआ था) के दौरान बाजार को मात दी।
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