वित्त वर्ष 22 में पटरी पर लौटेगा प्रतिभूतिकरण | अभिजित लेले / मुंबई December 23, 2020 | | | | |
वित्त वर्ष 2021-22 में खासकर वित्त कंपनियों और गिरवी ऋणदाताओं के प्रतिभूतिकरण की मात्रा में बेहतरीन वृद्धि देखी जा सकती है, जबकि वित्त वर्ष 21 में संकुचन आया है। इक्रा की रिपोर्ट में यह सामने आया है।
साथ ही वित्त वर्ष 2022 के दौरान रेटेड पास थ्रो सर्टिफिकेट (पीटीसी) की ऋण गुणवत्ता भी स्थिर रहेगा। हालांकि संग्रह संभवत: कोविड के पहले से स्तर पर नहीं पहुंचेगा, लेकिन कर्ज बढऩे की वजह से उनके कर्ज की गुणवत्ता को समर्थन मिलेगा।
रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि वित्त वर्ष 21 के शेष महीनों और वित्त वर्ष 22 में प्रतिभूतिकरण की मात्रा में बढ़ोतरी को मुख्य रूप से निवेशकों का भरोसा बढऩे और संग्रह में सुधार से संपत्ति की गुणत्ता बढऩे से समर्थन मिलेगा। लॉकडाउन में ढील के बाद कारोबारी गतिविधियां बढऩे और कर्ज टालने की तिथि खत्म होने से कारोबारी गतिविधियों में सुधार होगा और वित्तपोषण की जरूरतें बढ़ेंगी।
इक्रा मेंं वाइस प्रेसीडेंट और स्ट्रक्चर्ड फाइनैंस रेटिंग के ग्रुप हेड अभिषेक डाफ्रिया ने कहा, 'सभी तरह की संपत्तियों से संग्रह बहुत तेजी से बढ़ा है, जो अप्रैल 2020 में लगाए गए देशव्यापी बंदी से घटा था।'
लॉकडाउन में धीरे धीरे ढील दिए जाने से कारोबार बहाल हुआ है और इससे खुदरा उधारी लेने वालों की ईएमआई देने को लेकर क्षमता बढ़ी है। इससे सितंबर 2020 से निवेशकों की चिंता कम हुई है।
वित्त वर्ष 2022 में एनबीएफसी और एचएफसी के वित्तपोषण की जरूरतें भी बढऩे की संभावना है, जिनका कर्ज कोविड के पहले के स्तर पर पहुंच जाएगा।
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