वायरस में बदलाव चिंताजनक! | |
रुचिका चित्रवंशी / 12 21, 2020 | | | | |
कोरोनोवायरस में एक नए तरह के बदलाव की पहचान के बाद लंदन एवं ब्रिटेन के दक्षिण-पूर्वी इलाकों में आपातकालीन लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई जिसके बाद दुनियाभर में इसे लेकर चिंता की लकीर उभर गई। इसी क्रम में भारत में कुछ समय के लिए ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है।
कोरोनावायरस में हुए नया उत्परिवर्तन क्या है?
वंश बी.1.1.7 नामक नया उत्परिवर्तन पिछले चार हफ्तों से तेजी से बढ़ रहा है। यह बदलाव वायरस के स्पाइक प्रोटीन (जो मानव कोशिकाओं में इसके प्रवेश को सक्षम बनाता है) में परिवर्तन से जुड़ा हुआ है। इस परिवर्तन ने वायरस की संचरण क्षमता को बहुत बढ़ा दिया है, जिससे लोगों में संक्रमण तेजी से बढ़ा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि नया वायरस 70 प्रतिशत अधिक संक्रमणीय है जिसके चलते इसकी आर (प्रजनन) संख्या अधिक हो जाएगी।
जैसे जैसे वायरस लोगों में पहुंचते हैं और अपना विस्तार करते हैं तो वे म्यूटेशन के दौर से गुजरते हैं। कोरोनोवायरस सार्स-कोव-2 जीनोम ने वुहान, चीन में नवंबर 2019 को हुई अपनी उत्पत्ति के बाद से कई हजार बदलाव किए हैं। नए उत्परिवर्तन के शुरुआती नमूने सितंबर में लंदन और केंट में पाए गए थे।
चिकित्सकों एवं सरकारों को इतनी चिंता क्यों है?
नए बदलाव के बाद वायरस तेजी और आसानी से फैल रहा है जिससे अस्पतालों पर दबाव आ सकता है। विशिष्ट उत्परिवर्तन के चलते अधिक संख्या में लोग संक्रमित हो सकते हैं जिससे इस समय वायरस प्रसार पर लगभग नियंत्रण पा चुके देशों में भी कोरोनावायरस की एक नई लहर देखने को मिल सकती है। नए बदलाव के बाद अब कई जानकारी अज्ञात हैं। जैसे, क्या यह अधिक घातक है? चिकित्सकों का मानना है कि ऐसी परिस्थितियों में जल्द से जल्द सावधानियां बरतनी शुरू कर देनी चाहिए।
क्या टीका इस नए उत्परिवर्तन के खिलाफ काम करेगा?
जैसे ही उत्परिवर्तन होता है, टीकों को बदलना पड़ सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान टीके नए उत्परिवर्तन के खिलाफ काम करेंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैन केरखोव ने बीबीसी को बताया कि वर्तमान जानकारी के अनुसार टीका आ जाने के बाद नए वायरस का प्रभाव नहीं होगा।
ब्रिटेन इससे किस तरह प्रभावित हुआ?
यह उत्परिवर्तन लंदन, दक्षिण पूर्व और पूर्वी ब्रिटेन में काफी अधिक पाया गया। दुनिया भर में वायरस नमूनों के आनुवंशिक कोड पर नजर रखने वाली संस्था नेक्स्टस्ट्रेन के अनुसार डेनमार्क एवं ऑस्ट्रेलिया में पाए जाने वाले कुछ मामलों को ब्रिटेन से जोड़कर देखा जा रहा है।
बीबीसी ने बताया कि 15 दिसंबर तक बी.1.1.7 वंश के 1,623 वायरस नमूनों की पहचान की गई थी।
कई यूरोपीय देशों ने सड़क मार्ग से ब्रिटेन आने-जाने पर रोक लगा दी है और सुपरमार्केट बाजारों ने सामान आपूर्ति में कमी की चेतावनी दी है। लंदन स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनियों में से पूंजीगत मूल्य के आधार पर शीर्ष 100 कंपनियों के शेयर सूचकांक एफटीएसई100 में सोमवार को 2.9 प्रतिशत की गिरावट आई और नए लॉकडाउन प्रतिबंधों के बीच पाउंड 2.4 डॉलर कमजोर हो गया।
ब्रिटिश सुपरमार्केट शृंखला सेन्सबरी ने स्काई न्यूज को बताया कि अगर ब्रिटेन के साथ परिवहन संबंधों को जल्द बहाल नहीं किया गया तो लेटेस, सलाद के पत्तों और फूलगोभी सहित विभिन्न उत्पादों की कमी हो जाएगी।
इसे रोकने के लिए विभिन्न देश क्या कदम उठा रहे हैं?
प्रधानमंत्री जॉनसन ने नए वायरस के फैलने के साथ ही ब्रिटेन के दक्षिण-पूर्व, पूर्व तथा लंदन में श्रेणी-4 के प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी। इसका अर्थ है कि परिवार के साथ आने-जाने व मिलने की अनुमति नहीं है, लेकिन सार्वजनिक स्थान पर एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति के साथ मिलने की अनुमति है। इसके तहत, गैर जरूरी दुकानें, हेयरड्रेसर और मनोरंजन स्थानों को भी बंद रखना होगा। श्रेणी 4 के प्रतिबंध देश में सबसे जटिल प्रतिबंध हैं। नए प्रतिबंध पिछले सप्ताह शनिवार को लागू हुए।
दूसरे देश इससे कैसे सतर्क हो सकते हैं?
कई यूरोपीय देशों ने ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, तुर्की, रोमानिया, क्रोएशिया देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिए हैं। कनाडा, ईरान, इजरायल, सऊदी अरब और अब भारत सहित कई देशों ने भी सीमित समय के लिए ब्रिटेन से यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है।
लंदन के इंपीरियल कॉलेज, एडिनबर्ग, कैंब्रिज सहित ब्रिटेन के प्रमुख विश्वविद्यालयों द्वारा प्रारंभिक विश्लेषण में कहा गया, 'इस वायरस का तेज प्रसार दुनिया भर में जीनोमिक एवं महामारी विज्ञान के तहत गहन निगरानी एवं प्रयोगशाला स्तर पर अहम जांच की आवश्यकता को इंगित करता है।'
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