रिलायंस होम फाइनैंस लिमिटेड के लेनदारों ने बोलीदाताओं से अनुरोधों के बाद बोली जमा कराने की समय-सीमा को अगले महीने के अंत तक बढ़ा दिया है। इस मामले के एक करीबी सूत्र के अनुसार, केवल दो बोलीदाताओं- एवेन्यू आर्सिल कंसोर्टियम और एंथम इन्वेस्टमेंट्स- ने बाध्यकारी बोली जमा कराई है। जबकि अन्य चार कंपनियों ने गैर-बाध्यकारी बोली जमा कराई है। रिलायंस होम फाइनैंस द्वारा 12,000 करोड़ रुपये के ऋण की अदायगी में चूक किए जाने के बाद बैंकों द्वारा उसे ऋण समाधान के लिए भेजा गया था। सूत्रों ने बताया कि बोली जमा कराने की समय-सीमा बढ़ा दी गई गई है लेकिन दोनों बोलदाताओं ने समय-सीमा में विस्तार का विरोध किया है और इस प्रक्रिया से दूर होने की धमकी दी। एवेन्यू अमेरिका का एक फंड हाउस है जबकि आर्सिल एक परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी (एआरसी) है। इन दोनों ने रिलायंस होम फाइनैंस के लिए संयुक्त बोली लगाई है। इसी प्रकार एंथम इन्वेस्टमेंट्स ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड एक सूचीबद्ध गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) है। अन्य चार बोलियां गैर-बाध्यकारी हैं और इन्होंने 10 करोड़ रुपये के अनिवार्य बोली बॉन्ड नहीं भरे हैं। इन बोलीदाताओं ने जांच-परख के लिए कुछ और समय देने का अनुरोध किया है। अन्य दो एआरसी- इन्वेंट और अल्केमिस्ट ने भी सशर्त बोलियां प्रस्तुत की हैं जो बोली शर्त के अनुरूप नहीं हैं। इन्होंने भी 10 करोड़ रुपये के अनिवार्य बोली बॉन्ड का भुगतान नहीं किया है। लेनदारों ने 17 दिसंबर को आयोजित अपनी बैठक में सभी बोलीदाताओं से संशोधित बोलियां भी आमंत्रित की है ताकि सभी बोलीदाताओं को समायोजित किया जा सके। इसी साल अगस्त में बैंक ऑफ बड़ौदा के नेतृत्व में लेनदारों ने रिलायंस होम फाइनैंस और रिलायंस कमर्शियल फाइनैंस की परिसंपत्तियों के लिए अभिरुचि पत्र आमंत्रित किया था। ये दोनों कंपनियां रिलायंस कैपिटल की इकाइयां हैं। रिलायंस कैपिटल और उसकी परिसंपत्तियों के लिए एक अलग प्रक्रिया के तहत बैंकों को 60 ईओआई प्राप्त हुए हैं। रिलायंस कैपिटल एसेट्स की बिक्री प्रक्रिया का संचालन जेएम फाइनैंशियल और एसबीआई कैप्स रही हैं। रिलायंस होम फाइनैंस की समाधान प्रक्रिया का संचालन बीओबी कैपिटल मार्केट्स और ईवाई द्वारा किया जा रहा है।
