आईपीओ की होड़ में कहीं उल्टा न पड़ जाए दांव! | समी मोडक और सुंदर सेतुरामन / मुंबई December 18, 2020 | | | | |
हाल के समय में आए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में निवेशकों की होड़ को देखते हुए लगता है कि तेजी पर सवार निवेशक सतर्कता नहीं बरत रहे हैं। मिसेज बेक्टर्स फूड स्पेशियलिटीज का आईपीओ गुरुवार को बंद हुआ और इस साल यह चौथा निर्गम था जिसे 150 गुना से ज्यादा बोलियां मिलीं। कुछ दिन पहले आया बर्गर किंग इंडिया पांचवां निर्गम था जो सूचीबद्घ होते ही निर्गम मूल्य से 70 फीसदी से ज्यादा चढ़ गया।
अगर इतिहास को देखें तो गिने-चुने आईपीओ ही हैं जो शुरुआत में सरपट भागने के बाद लंबे समय में बेहतर दांव साबित हुए हैं। आंकड़े बताते हैं कि एक दिन की तेजी से ही कोई शेयर बेहतर करने का दावा नहीं कर सकता है। वास्तव में होता इसके उलट है।
अगर सूचीबद्घता के दिन सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शेयरों की मौजूदा भाव से तुलना करें तो तस्वीर धूमिल नजर आती है। 2010 से अब तक शीर्ष 20 शेयर जो सूचीबद्घता के दिन रिकॉर्ड तेजी से बंद हुए थे, उनका औसत रिटर्न वर्तमान में ऋणात्मक 6 फीसदी है। अगर आपने इन 20 शेयरों में से 7 के शेयर पहले दिन के बंद भाव पर खरीदे हों तो आपके निवेश में अभी करीब 50 फीसदी की कमी आ गई होगी और 13 शेयरों के मामले में रिटर्न ऋणात्मक है।
अत्यधिक अभिदान पाने वाले आईपीओ की भी यही स्थिति है। पांच सबसे ज्यादा आवेदन वाले आईपीओ को देखें तो उनमें से चार पहले दिन के बंद भाव से वर्तमान में 12 से 71 फीसदी नीचे कारोबार कर रहे हैं।
हालांकि इसमें कुछ अपवाद भी हैं। एवेन्यू सुपरमाट्र्स, सीडीएसएल और एचडीएफसी एएमसी पर निवेशकों का दांव अच्छा रहा है। इनमें लगातार तेजी बनी हुई है।
आखिर इस गहमागहमी की वजह क्या है? एसपी तुलस्यान इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी सर्विसेस में सीनियर रिसर्च एनालिस्ट गीतांजलि केडिया कहती हैं, 'प्राथमिक बाजार में मांग द्वितीयक बाजार के मिजाज को दर्शाता है। इस समय अधिक नकदी की उपलब्धतास शेयर बाजार ऊपर भाग रहे हैं। हाल में कई आईपीओ को जबरदस्त सफलता मिली है, जिसके बाद निवेशक नए आरंभिक निर्गमों की तरफ खासे आकर्षित हो रहे हैं। कम से कम फिलहात तो इससे कंपनियों के साथ ही निवेशकों सहित सभी को फायदा पहुंच रहा है।
हालांकि हमें यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि मौजूदा तेजी थमने के बाद सबकी नजरें शेयरों की बुनियादी मजबूती और कारोबारी परिदृश्य पर ही होंगे। केवल सूचीबद्धता के समय शेयरों में आई तेजी को देखते हुए निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है। कुछ मामलों में निवेशकों को फायदा मिल सकता है, लेकिन मोटे तौर पर ऐसा करना जोखिम से कम नहीं है।'
विशेषज्ञों का कहना है कि हाल में ही सूचीबद्ध हुईं कुछ कंपनियों से काफी उम्मीदें लगाए हुए हैं। बकौल विशेषज्ञ अधिक मुनाफा कमाना सभी की इच्छा होती है, लेकिन हमेशा यह हासिल नहीं हो सकता है। इस वर्ष जितने शेयर सूचीबद्ध हुए हैं, उनमें कई शेयरों में खुदरा एवं धनाढ्य निवेशकों ने आकर्षक मुनाफा कमाया है। इससे उत्साहित होकर वे बाजार में आने वाले सभी आईपीओ पर दांव लगा रहे हैं।
एक बात यह भी है कि हाल में आए कई निर्गम अपेक्षाकृत छोटे हैं, इसलिए धनाढ्य एवं संस्थागत निवेशकों ने अधिक से अधिक शेयर पाने के लिए अपने आवेदन का आकार बढ़ा दिया है। इससे शेयरों के लिए अधिक से अधिक बोलियां आ रही हैं। बाजार पर नजर रखने वाले लोगों का कहना है कि बाजार में नए निवेशक जल्द मुनाफा कमाने के लिए आईपीओ की तरफ आकर्षित हो रहे हैं।
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