सीएनजी आधारित जल परिवहन होगा शुरू | सिद्धार्थ कलहंस / December 16, 2020 | | | | |
गंगा को प्रदूषण से बचाने और वाराणसी में पर्यटकों का आकर्षण बढ़ाने के लिए अब सीएनजी आधारित जल परिवहन की शुरुआत की जाएगी। गेल ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है।
वाराणसी में गंगा नदी में अगले साल जनवरी से सीएनजी से नाव और बजरे चलने लगेंगे। हालांकि हाथ से चलने वाली नावों का संचालन भी बदस्तूर जारी रहेगा। वाराणसी में गंगा घाटों पर जल्दी ही डीजल से चलने वाली बोट व स्टीमर बंद कर दिए जाएंगे। शहर में गंगा किनारे खिड़किया घाट पर सीएनजी स्टेशन बनाया जा रहा है जो अगले महीने तक बनकर तैयार हो जाएगा। फिलहाल यह व्यवस्था अस्थायी रूप से की जा रही है। इसके बाद गंगा घाट के नजदीक ही कहीं दो हजार वर्ग मीटर जमीन पर स्थायी तौर पर सीएनजी स्टेशन तैयार किया जाएगा।
हाल ही में वाराणसी से गंगा के रास्ते बंगाल तक जाने के लिए जल परिवहन की शुरुआत की गई है। घाटों पर लेजर लाइटें लगाने के साथ ही उनका सौंदर्यीकरण किया गया है। वाराणसी में गंगा नदी में करीब एक हजार लाइसेंसी नावें चलती हैं। इनमें से अधिकतर नाव डीजल इंजन से चलाई जाती हैं जिससे गंगा में प्रदूषण होता है। नाविकों को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ता है।
नाविकों और पर्यटकों की सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से गंगा तट पर ही सीएनजी मुहैया कराने के लिए फिलिंग स्टेशन स्थापित किया जा रहा है जो जनवरी में शुरू हो जाएगा। गेल इंडिया के वाराणसी में मौजूद अधिकारियों के मुताबिक इस स्टेशन पर 45 हजार लीटर सीएनजी स्टोर करने की क्षमता होगा। यहां पर रिंग रोड पर स्थापित मदर स्टेशन से लाइट कमर्शियल व्हीकल के जरिये गैस मंगाई जाएगी। इसके बाद यहां पर गैस स्टोर की जाएगी। वाराणसी में गंगा किनारे खिड़किया घाट पर जेटी पर डिस्पेंसर लगाया जा रहा है जिससे नावों में गैस भरी जाएगी।
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