हरे निशान में हैं साल 2020 के सभी आईपीओ | समी मोडक / मुंबई December 14, 2020 | | | | |
यह वर्ष आईपीओ निवेशकों के लिए अच्छे वर्षों में से एक होगा। सार्वजनिक निर्गम के बाद बर्गर किंग इंडिया इस साल सूचीबद्ध होने वाली 14वीं कंपनी बन गई है। 14 शेयरों में से केवल चार शेयर के दाम ही सूचीबद्ध होने वाले दिन आईपीओ के मूल्य से कम नजर आए हैं। हालांकि इसका श्रेय इन सभी 14 कंपनियों के द्वितीयक बाजार के शेयरों में उछाल को जाता है जो वर्तमान में इनके निर्गम मूल्य से अधिक चल रहा है।
सूचीबद्ध होने वाले दिन के प्रदर्शन के मामले में बर्गर किंग 131 प्रतिशत लाभ के साथ हैपीस्ट माइंड्स टेक्नोलॉजीज से ऊपर आ गया है। हैपीस्ट माइंड्स टेक्नोलॉजीज का शेयर शुरुआत में 123 प्रतिशत चढ़ा, लेकिन वर्तमान में यह अपने निर्गम मूल्य से 93 प्रतिशत ऊपर चल रहा है।
निर्गम वाले दिन से अब तक के प्रतिफल के लिहाज से रूट मोबाइल ने निर्गम मूल्य की तुलना में 217 प्रतिशत बढ़त के साथ सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। रूट मोबाइल, रोसारी बायोटेक और केमकोन स्पेशलिटी केमिकल्स ने शेयर बाजार में अपनी शुरुआत के दौरान शेयर के दामों में 70 प्रतिशत से अधिक का इजाफा देखा है।
जब कभी किसी कंपनी का शेयर सूचीबद्धता के वक्त खराब प्रदर्शन करता है, तो निवेश बैंकरों को इस निर्गम के मूल्य निर्धारण के लिए दोषी ठहराया जाता है। इसी तरह जब कोई शेयर शुरुआत के समय शानदार प्रतिफल अर्जित करता है - जैसा कि उपरोक्त कंपनियों के मामले में देखा गया है, तो इसे भी निर्गम केकम मूल्य निर्धारण के लिए निवेश बैंकरों से जोड़ा जाता है।
कोटक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक और इक्विटी कैपिटल मार्केट्स के प्रमुख वी जयशंकर कहते हैं कि सूचीबद्धता वाले दिन बड़ा धमाका आंशिक रूप से तकनीकी कारणों से होता है। आम तौर पर हम निवेशकों की प्रतिक्रिया के आधार पर आईपीओ का मूल्य निर्धारित करते हैं। निर्गम जारी करने वाला क्या चाहता है और निवेशक कितना भुगतान करने को तैयार हैं - इसके बीच मूल्य निर्धारण का संतुलन रहना चाहिए। वर्तमान में विशेष रूप से उपभोक्ता और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में शेयरों के पीछे बड़ी मात्रा में तरलता है। हाल के आईपीओ के निर्गमों का आकार 20 करोड़ डॉलर से कम रहा है। इसके परिणामस्वरूप हमारे पास यह तकनीकी कारक है कि प्रवाह तो अधिक है, लेकिन उपलब्ध शेयरों की मात्रा कम है। इसके अलावा आईपीओ में आवंटित शेयरों का एक बड़ा हिस्सा एंकर निवेशकों के पास है। एंकर निवेशकों को आवंटित शेयर 30 दिनों के लिए लॉक कर दिए जाते हैं।
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