आरबीआई ने चालू खाता मानकों में बदलाव किए | बीएस संवाददाता / मुंबई December 14, 2020 | | | | |
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को अपने चालू खाता मानकों में कुछ नरमी प्रदान की है। केंद्रीय बैंक ने अपनी अगस्त की मौद्रिक नीति में कहा था कि कोई बैंक उस ग्राहक के लिए करंट अकाउंट यानी चालू खाता नहीं खोल सकेगा, जिसने बैंकिंग व्यवस्था में अन्य से कैश क्रेडिट या ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ उठाया हो, और अब सभी लेनदेन कैश क्रेडिट, या ओवरड्राफ्ट अकाउंट के जरिये किए जाएंगे।
ये मानक 5 नवंबर से परिचालन में आने वाले थे, लेकिन कुछ स्पष्टताओं के अभाव में केंद्रीय बैंक ने इन्हें 15 दिसंबर तक टाल दिया था।
आरबीआई ने अपने बयान में कहा है कि रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए खातों (घर खरीदारों से एकत्रित अग्रिम भुगतान का 70 प्रतिशत बरकरार रखने के उद्देश्य के लिए) को अलग बैंकों में मैंटेन रखा जा सकेगा।
डेबिट कार्ड/एटीएम कार्ड/क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं/प्राप्तकर्ताओं से संबंधित बकाया के निपटान के लिए खातों, व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों और उनके एजेंटों के खातों और फेमा के तहत स्वीकृत खातों को इन मानकों के दायरे से अलग रखे जाने की अनुमति होगी।
इसी तरह, आईपीओ, या एनएफओ, शेयर पुनर्खरीद, लाभांश भुगतान, वाणिज्यिक पत्रों का निर्गम, डिबेंचर का आवंटन के मकसद से जुड़े खातों को भी इस सर्कुलर से अलग रखा गया है।
बैंकों को आसान निगरानी के लिए अपनी बैंकिंग प्रणाली में इन खातों के बारे में जानकारी देनी होगी। आरबीआई ने कहा है कि बैंकों को सभी चालू खातों और ओवरड्राफ्ट के संबंध में कम से कम छमाही आधार पर निगरानी करने की जरूरत होगी।
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