मारुति सुजूकी: बाजार भागीदारी नुकसान, मार्जिन चिंता बरकरार | राम प्रसाद साहू / मुंबई December 13, 2020 | | | | |
भले ही मारुति सुजूकी ने नवंबर की बिक्री में गिरावट दर्ज की है, लेकिन कंपनी द्वारा मजबूत रिटेल उठाव की संभावना और मांग में सुधार से दिसंबर में अब तक इस शेयर को 10 प्रतिशत चढऩे में मदद मिली है। कम इन्वेंट्री और उत्पादन संबंधित किल्लत की वजह से कंपनी ने थोक बिक्री में 2.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है।
त्योहारी अवधि में दो अंक की खुदरा वद्घि के बाद, सबसे बड़ी घरेलू यात्री वाहन (पीवी) निर्माता द्वारा व्यक्तिगत तौर पर यात्रा के विकल्पों में तेजी और कम ब्याज दरों की वजह से अच्छी मांग दर्ज किए जाने की संभावना है। कार निर्माताओं को शानदार खरीफ फसल, रबी की बुआई और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकारी नीतियों से मांग बढ़ाने में मदद मिल सकती है। मारुति सुजूकी की एक-तिहाई बिक्री ग्रामीण सेगमेंट से आती है। ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि कम आधार की मदद से संपूर्ण पीवी क्षेत्र वित्त वर्ष 2022 में 25 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज करेगी और इस बाजार में करीब 50 प्रतिशत नियंत्रण वाली और मारुति सुजूकी इसकी प्रमुख लाभार्थी बन सकती है।
हालांकि विश्लेषकों ने वित्त वर्ष 2021 और वित्त वर्ष 2022 के लिए कंपनी के बिक्री अनुमान बढ़ा दिए हैं, लेकिन उनका मानना कि पिछले 6 महीनों में करीब 42 प्रतिशत मजबूत हो चुके इस शेयर में इन स्तरों से बहुत ज्यादा तेजी नहीं आ सकती है।
दलाल पथ की मुख्य चिंताओं में वृद्घि सेगमेंट में बाजार भागीदारी को हो रहा नुकसान है। प्रतिस्पर्धी दबाव की वजह से बाजार भागीदारी प्रभावित हुई है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2021 की पहली छमाही में घरेलू यात्री वाहन बाजार में सालाना आधार पर 170 आधार अंक की कमी दर्ज की है। इसकी मुख्य वजह कॉम्पैक्ट स्पोट्र्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) सेगमेंट में उसकी बाजार भागीदारी में 6.5 प्रतिशत की गिरावट थी। हितेश गोयल और ऋषि वोरा का कहना है, ' कंपनी ने वित्त वर्ष 2019 से कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट में 20 प्रतिशत बाजार भागीदारी गंवाई है, क्योंकि उसे हुंडई मोटर्स, किया मोटर्स और एमजी मोटर्स से कई वाहन पेशकशों की वजह से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा।' कॉम्पैक्ट एसयूवी यात्री वाहन खंड में तेजी से बढ़ रहा सेगमेंट है। कंपनी डीजल विकल्पों के अभाव की वजह से बड़े एसयूवी की बिक्री में भी कमी दर्ज कर रही है। उसकी बाजार भागीदारी की रफ्तार 2021 में पेश किए जाने वाले नए मॉडल/वैरिएंट और उनकी लोकप्रियता पर निर्भर करेगी।
अन्य समस्या प्रतिकूल उत्पाद मिश्रण है, क्योंकि प्राप्तियों और मुनाफे में कमी आने की आशंका है। इसकी वजह यह है कि कंपनी अपनी एंट्री लेवल कारों और हैचबैक की बिक्री ज्यादा करती है। हैचबैक के संदर्भ में मारुति की बाजार भागीदारी कम कीमत वाले वैरिएंट की मदद से वित्त वर्ष 2021 की पहली छमाही में 200 आधार अंक बढ़कर 64 प्रतिशत पर पहुंच गई। विश्लेषकों का मानना है कि इस सेगमेंट में भागीदारी मजबूत बने रहने की संभावना है, कुल बिक्री के संदर्भ में हैचबैक सेगमेंट की भागीदारी पहली छमाही में सालाना आधार पर 70 आधार अंक तक बढ़ कर 47 प्रतिशत रही है।
कच्चे माल की लागत में वृद्घि कंपनी के लिए अन्य समस्या है। जहां कंपनी ने कोई मात्रा नहीं बताई है, लेकिन संकेत दिया है कि वह उत्पादन लागत में भारी तेजी का मुकाबला करने के लिए 1 जनवरी से कीमतें बढ़ाएगी। जहां दबी हुई मांग सामने आने और ताजा खरीदारी से बिक्री को मदद मिल सकती है, वहीं कमजोर रिकवरी को देखते हुए कीमत वृद्घि कितनी होगी, इस पर ध्यान देना जरूरी है, और इसका बिक्री पर प्रभाव पड़ सकता है।
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