शिपिंग कॉर्पोरेशन के निजीकरण को आज मिल सकती है मंजूरी | |
निकुंज ओहरी / नई दिल्ली 12 13, 2020 | | | | |
कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में विनिवेश पर बना सचिवों का मुख्य समूह (सीजीडी) सोमवार को शिपिंग कॉर्पोरेशन आफ इंडिया के निजीकरण के लिए प्राथमिक सूचना ज्ञापन (पीआईएम) और रुचि पत्र (ईओआई) के मसले पर विचार करेगा। इसमें एक साल की लॉक इन अवधि और 3 साल कारोबार जारी रखने की योजना जैसी शर्तें शामिल हो सकती हैं।
एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि सचिवों का समूह निजीकरण के लिए रखी गई शर्तों पर विचार करेगा और जरूरी होने पर बदलाव के सुझाव देगा। उसके बाद उम्मीद है कि पीआईएम और ईओआई पर 18 दिसंबर को रणनीतिक विनिवेश पर बनी वैकल्पिक व्यवस्था द्वारा विचार किया जा सकता है और उसके बाद इसे सार्वजनिक किया जाएगा। वैकल्पिक व्यवस्था में वित्त मंत्री, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री और संबंधित प्रशासनिक विभागों से जुड़े मंत्री शामिल हैं।
एक बार इसे मंजूरी मिलने के बाद भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बाद एक और पीएसयू के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अगर इसकी बिक्री चालू वित्त वर्ष में हो जाती है तो सरकार को ऐसे समय में विनिवेश से प्राप्तियां बढ़ाने में मदद मिलेगी, जब सरकार राजस्व की कमी का सामना कर रही है और वह 2.1 लाख करोड़ रुपये विनिवेश से प्राप्त करने के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य से दूर है।
बिक्री की शर्तों में एक यह भी शामिल हो सकता है कि पात्र बोलीकर्ता का न्यूनतम नेट वर्थ 2,500 करोड़ रुपये का हो। उपरोक्त उल्लिखित अधिकारी ने कहा कि नेट वर्थ संबंधी पात्रता के बारे में अंतिम फैसला सीजीडी द्वारा लिया जाएगा और उसके बाद राजनीतिक कार्यकारी उस पर फैसला करेंगे।
बल्क कैरियरों, कच्चे तेल के टैंकरों, कंटेनर वेसेल के अलावा अन्य बेड़े वाली इस कंपनी का बाजार पूंजीकरण शुक्रवार को 3,910 करोड़ रुपये था। इसमें करीब 63.75 प्रतिशत हिस्सेदारी सरकार की है, और शुक्रवार को बंद भाव के मुताबिक इसका मूल्य 2,492 करोड़ रुपये है।
पीआईएम में नए खरीदार के लिए एक साल की लॉक इन अवधि और कारोबार जारी रखने की 3 साल की योजना को भी शामिल किया जा सकता है। अधिकारी ने कहा कि नए खरीदार को मौजूदा कर्मचारियों को एक साल तक काम पर बरकरार रखना अनिवार्य होगा।
फर्जी चालान के आरोप में 140 गिरफ्तार
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारियों ने पिछले एक महीने में फर्जी चालान जारी करने के आरोप में करीब 140 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें पांच चार्टर्ड अकाउंटेंट भी शामिल हैं और अब वे कम कीमत दिखाकर माल की आवाजाही करने वालों पर लगाम कसने की तैयारी कर रहे हैं। जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने फर्जी चालान के खिलाफ नवंबर के दूसरे सप्ताह से शुरू किए गए राष्ट्रव्यापी अभियान में बेनामी वस्तुओं और कम कीमत दिखाकर माल की आवाजाही करके जीएसटी चोरी करने के मामलों का पता भी लगाया है। राजस्व विभाग के सूत्रों ने कहा कि दिल्ली और हिमाचल प्रदेश की कुछ कंपनियों के खिलाफ जांच की जा रही है। भाषा
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