टीवीएस समूह के प्रस्तावित पुनर्गठन की मुख्य वजह कारोबार को आसानी से चौथी पीढ़ी के हाथ सौंपना है। समूह के परिवार के सदस्यों से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी। गुरुवार को 100 साल से ज्यादा पुराने टीवीएस समूह के परिवार के सदस्यों ने पुनर्गठन का फैसला लिया था और इसके तहत हर फैमिली ग्रुप को उस कारोबारों का पूरा स्वामित्व मिल जाएगा, जिसका प्रबंधन वे करते हैं और इस तरह से होल्डिंग कंपनी समाप्त कर दी जाएगी। यहां किसी तरह की क्रॉस होल्डिंग नहीं होगी और परिवार इस पर सहमत हो गया है। इस पुनर्गठन में टीवीएस मोटर, सुंदर क्लेटॉन, सुंदरम फास्टनर्स, टीवीएस इलेक्ट्रॉनिक्स, टीवीएस श्रीचक्र व अन्य समेत नौ सूचीबद्ध कंपनियां शामिल होंगी। परिवार के वरिष्ठ सदस्यों ने इस मामले पर टिप्पणी करने से मना कर दिया क्योंकि इसके क्रियान्वयन के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर विचार शुरू होने जा रहा है। शेयरधारिता के अलावा वे गैर-प्रतिस्पर्धी उपबंधों पर भी चर्चा कर सकते हैं। कुछ सदस्यों व सूत्रों ने कहा कि यह व्यवस्था तीन होल्डिंग इकाइयों की अनावश्यक शेयरधारिता को हटाना और चौथी पीढ़ी को कारोबार सौंपने के लिए मार्ग प्रशश्त करने के इरादे से बनाई जा रही है। परिवार के सूत्रों ने कहा कि शेयरधारिता ढांचा भी थोड़ा जटिल था। परिवार का मानना है कि कंपनियों को तेज गति से अपने दम पर आगे बढऩे के लिए इस तरह का कदम उठाया जाना जरूरी था। आरओसी के दस्तावेजों के मुताबिक, टीवी सुंदरम आयंगर ऐंड संस प्राइवेट लिमिटेड (होल्डिंग कंपनी) के 56 शेयरधारक हैं, जो टीवीएस समूह की चार पीढिय़ोंं का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे अपनी व्यक्तिगत होल्डिंग कंपनियों के जरिए या सीधे कंपनी में शेयरधारिता रखते हैं। समूह के चार परिवारों के बीच होल्डिंग का बराबर बंटवारा किया गया है। 2018-19 में कंपनी ने 9,270 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जो 2017-18 में 8,221 करोड़ रुपये था। कंपनी का लाभ 193 करोड़ रुपये था, जो एक साल पहले 192 करोड़ रुपये रहा था। इसी तरह अन्य होल्डिंग कंपनी सुंदरम इंडस्ट्रीज में टीवीएस परिवार के 45 शेयरधारक हैं और यह जानकारी आरओसी के दस्तावेजों से मिली। ये कंपनियां इसके बदले टीवीएस समूह की अलग-अलग कंपनियों में स्वामित्व रखती हैं, जिसका मतलब यह हुआ कि हर शेयरधारकों के पास समूह की अलग-अलग कंपनियों की अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी है, जिसका परिचालन परिवार के अलग-अलग सदस्य करते हैं।
